Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

सैदपुर बूढ़े नाथ महादेव मंदिर पहुंचे DM और SP, दिए आवश्यक निर्देश

सैदपुर में शनिवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने कुछ देर तक सैदपुर कोतवाली में आयोजित समाधान दिवस में क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं को सुना और पुलिस तथा राजस्व कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। इसके पश्चात दोनों अधिकारी सैदपुर नगर स्थित प्रसिद्ध बूढ़े नाथ महादेव मंदिर पर पहुंचे। जहां उन्होंने सावन माह के आगामी पहले सोमवार की तैयारियों का निरीक्षण किया।

checked-the-preparations-for-the-first-monday-of-sawan-gave-necessary

शनिवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह सैदपुर क्षेत्र में गंगा नदी की बाढ़ और विभिन्न शिवालयों पर आगामी सावन माह के पहले सोमवार की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही सैदपुर कोतवाली पहुंचे। यहां दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र से आए विभिन्न लोगों की समस्याओं को सुना और उसके निस्तारण के लिए पुलिसकर्मियों और राजस्व कर्मियों को निर्देशित किया। इस दौरान कुल 12 प्रार्थना पत्र आए, जिसमें राजस्व व पुलिस टीम के माध्यम से चार प्रार्थना पत्रों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।

गंगा घाट के गहरे हिस्से को बैरिकेड करने का निर्देश

कोतवाली से दोनों अधिकारी सैदपुर नगर स्थित प्रसिद्ध बूढ़े नाथ महादेव मंदिर पहुंचे। यहां अधिकारियों ने सावन माह के पहले सोमवार की तैयारियों का निरीक्षण किया। साथ ही गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए, मंदिर के घाट पर सुरक्षा को लेकर अधिशासी अधिकारी से चर्चा भी की।

इस दौरान जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को मंदिर के रास्ते पर वर्षा से हुए कीचड़ में राबिश डालकर, ईंट बिछाने का निर्देश दिया। घाट के खतरनाक और गहरे हिस्से की तरफ स्नानार्थियों को जाने से रोकने के लिए, बैरिकेड लगाने और नाव के साथ गोताखोर तैनात करने का निर्देश दिया।

डीएम ने की अपील, कहा- पूजा सामग्री नदी में न डालें

घाट के आसपास श्रद्धालुओं द्वारा पॉलिथीन आदि में लपेट कर फेंकी गई पूजा सामग्रीयों को देख, जिलाधिकारी ने अफसोस जाहिर किया। श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वे किसी भी प्रकार की पूजा सामग्रीयों आदि को नदी में न फेंकें। इसके लिए मंदिर पर निर्माल्य कलश की व्यवस्था की गई है। पूजा से संबंधित सामग्री को श्रद्धालुओं को निर्माल्य कलश में ही डालना चाहिए। ताकि गंगा नदी, घाट और मंदिर परिसर को स्वच्छ रखा जा सके।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad