गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित गाजीपुर-ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन के बीच गंगा नदी पर 'रेल कम रोड ब्रिज' का पहला ट्रायल सफलतापूर्वक हुआ। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 14 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में मऊ स्टेशन और तारीघाट टर्मिनल स्टेशन के बीच एक नई ब्रॉड गेज लाइन को मंजूरी दी है। इस नई ब्रॉड गेज लाइन की कुल लंबाई 51 किलोमीटर होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1765.92 करोड़ रुपये है और अपेक्षित पूर्णता लागत प्रति वर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2109.07 करोड़ रुपये है।
यह परियोजना गंगा नदी से अलग हुए क्षेत्र के लिए वैकल्पिक, सुविधाजनक और बेहतर परिवहन ढांचा प्रदान करेगी, जिससे क्षेत्र में परिवहन की कठिनाइयों को दूर किया जा सके और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। इस परियोजना लाइन का जलग्रहण क्षेत्र यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और क्षेत्र के लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह नई लाइन एनई रेलवे को उत्तरी और पूर्व मध्य रेलवे से जोड़ने वाला एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगी। इस परियोजना लाइन में रेलवे यातायात को बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं और यह इस क्षेत्र को विकसित करने का अवसर भी प्रदान करती है।
यह परियोजना दो भागों में विभाजित है। एक अंश मऊ से गाजीपुर तक है और दूसरा अंश गाजीपुर सिटी से ताड़ीघाट तक है। ताड़ीघाट से लेकर गाजीपुर घाट तक कार्य अभी शेष है। इन दोनों भागों को मिलाकर इस परियोजना की कुल लागत 1766 करोड़ रुपये की है। अब तक पहले चरण के लिए 1400 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। प्रोजेक्ट कुल में 37 किलोमीटर रेल लाइन विस्तारित होगी। पहले चरण में 14 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई गई है। यह रेल कम रोड ब्रिज 1027.5 मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई करीब साढ़े बारह मीटर है। इसमें चौदह पिलर बनाए गए हैं और यह एक डबल डेक ब्रिज है। इसका मतलब है कि ऊपर सड़क होगी जिस पर कारें और बसें चलेंगी, जबकि नीचे रेल ट्रैक होगा जिस पर ट्रेनें चलेंगी।
ताड़ीघाट और गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन और ताड़ीघाट से गाजीपुर घाट स्टेशन तक बनने वाले रेल कम रोड ब्रिज का निर्माण का फैसला रेल मंत्री मनोज सिन्हा के कार्यकाल में लिया गया था। रेल विकास निगम लिमिटेड के पीएम (प्रोजेक्ट मैनेजर) ने ट्रायल के बारे में बताया कि 28 मार्च को रेलवे सेफ्टी कमिशनर के द्वारा ट्रैक का सेफ्टी ट्रायल किया जाना है। इससे पहले भी कई तरीकों से परीक्षण किये जाने हैं, जिसमें डीजल लोकोमोटिव को चलाकर भी परीक्षण किया गया है।
प्रथम चरण के ट्रायल में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डीजल लोकोमोटिव को दौड़ाकर परीक्षण किया गया। प्रोजेक्ट मैनेजर चंद्रा के अनुसार, पुल का निर्माण 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक गाड़ी चलाने की सीमा को ध्यान में रखकर किया गया है। हालांकि, इस सर्किट में गाड़ियों की चाल 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। वर्तमान में ट्रायल को 30 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रखा गया है।
पहले चरण में गाजीपुर से सोनवल तक डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन के साथ सफल ट्रायल भी हो चुका है। हालांकि, इस परियोजना के तहत जो कार्य संचालित हो रहे हैं, उनमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है। कई फीट ऊंचे पिलर पर मजदूर बिना हेलमेट और सुरक्षा बेल्ट के काम कर रहे हैं। इससे किसी दिन दुर्घटना होने की संभावना है।
ट्रायल के बाद, आरवीएनएल के प्रोजेक्ट मैनेजर विकास चंद ने कहा कि यह गाजीपुर के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। वर्षों से प्रस्तावित परियोजना पूरी हो गई है। गाजीपुर सिटी स्टेशन से ताड़ीघाट तक का नया स्टेशन ट्रैक से जुड़ गया है। इसके परीक्षण के लिए डीजल लोकोमोटिव के ट्रायल रन किए जा रहे हैं। इसके परीक्षण के बाद, इसे उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया से बातचीत के दौरान, उन्होंने बताया कि यह परियोजना दो भागों में विभाजित है। एक भाग मऊ से गाजीपुर तक है, और दूसरा भाग गाजीपुर सिटी से ताड़ीघाट तक है। पहले चरण का कार्य पूरा होने की योजना है। ताड़ीघाट से लेकर गाजीपुर घाट तक का कार्य अभी शेष है। इन दोनों को मिलाकर, इस परियोजना की कुल लागत 1766 सौ करोड़ रुपये है। अब तक पहले चरण के लिए 1400 करोड़ रुपये का बजट पूरा किया गया है।
नई लाइन एनएच 97, मौजूदा सड़क पुल के नीचे से गंगा नदी को पार करती है और इसके लगभग समानांतर चलती है, तारिघाट से दिलदारनगर तक मौजूदा बीजी लाइन से जुड़ती है। यह लाइन हावड़ा से नई दिल्ली जाने और वापस आने वाली ट्रेनों के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करेगी। इस लाइन के निर्माण से इलाहाबाद-पटना डबल लाइन विद्युतीकृत क्षेत्र के लिए एक लिंक उपलब्ध हो जाएगा। इससे इलाहाबाद-मुगलसराय-पटना मार्ग, खासकर मुगलसराय यार्ड के आसपास भी भीड़ कम हो जाएगी।
गाजीपुर में रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया। सीआरएस ने सावधानीपूर्वक निर्माणाधीन रेलवे कम रोड ब्रिज का निरीक्षण किया। गाजीपुर सिटी स्टेशन से सोनवल स्टेशन तक रेलवे ट्रैक का निरीक्षण सीआरएस द्वारा किया गया। गाजीपुर में गंगा नदी पर रेल कम रोड ब्रिज निर्माण के अंतिम चरण में है, जिसका सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया।
गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ताड़ीघाट-मऊ नई रेल के निर्माण की प्रगति का सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया। एडीआरएम राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि सीआरएस द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक सीआरएस के निरीक्षण और स्पीड ट्रायल के बाद, इस रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन का संचालन आने वाले दिनों में सिटी स्टेशन तक शुरू होगा।
ज्ञात हुआ है कि पहले चरण के इस परियोजना की कुल लंबाई 9,600 किलोमीटर है, जैसा ज्ञात हो चुका है। अधिकारियों ने ट्रैक, सिग्नल, प्वाइंट, क्रॉसिंग, लाइटिंग आदि के निरीक्षण को बहुत सावधानीपूर्वक किया है। ताड़ीघाट-गाजीपुर सिटी-मऊ नई रेल लाइन पर सीआरएस (रेल सुरक्षा आयुक्त) के दौरे से पहले ही रेलवे ने पूरी भरी हुई मालगाड़ी का संचालन किया है। संचालन के बाद इसे पूर्ण रूप से परीक्षण किया गया है और परीक्षण पूर्णतया सफल रहा है। रेल सुरक्षा आयुक्त की निरीक्षण के बाद ही इस नई रेल लाइन पर ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर माह में इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे।