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गाजीपुर ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन कब तक बन जाएगी, जाने पूरा अपडेट

जिले के सभी लोग जानने को उत्सुक है कि ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन कब तक बन जाएगी, तो इस लेख को पूरा पढ़ने पर आप को मालूम हो जायेगा। इस रेल परियोजना के बारे में बिस्तर से जाने... 

ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन एक महत्वपूर्ण और बड़ी मात्रा में यातायात का माध्यम होगी जो उत्तर प्रदेश राज्य के ताड़ीघाट और मऊ शहर को जोड़ेगी। यह परियोजना भारतीय रेलवे के तहत चल रही है और इसका निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। यह रेल लाइन प्रथम चरण में ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी तक की लाइन का निर्माण कर रही है। प्रथम चरण के अंतर्गत इस लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है और इसके तहत ट्रेनों का संचालन जल्द ही शुरू होगा। द्वितीय चरण में, गाजीपुर सिटी से मऊ के बीच रेल लाइन का निर्माण हो रहा है। 

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ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन का निर्माण महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है और इसकी पूर्ति में मेहनत और समय लगता है। यह रेल लाइन ताड़ीघाट (सोनवल) से गाजीपुर सिटी तक बनाई जा रही है और इसका निर्माण चरणबद्ध रूप से हो रहा है। पहला चरण, ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी तक का संचालन करने वाली नई रेलवे लाइन, पहले चरण के अंतर्गत पूरा हो चुका है। दूसरा चरण, ताड़ीघाट से गाजीपुर घाट स्टेशन तक की रेल लाइन का निर्माण, 30 जून तक पूरा किया जाएगा। इस प्रकल्प का मूल्यांकन और जांच कार्य 28 मार्च को सीसीएफ द्वारा किया जाएगा। रेल विभाग की टीम ने पहले चरण के कार्यों की पूर्ति की है और अब नई रेल लाइन का संचालन शुरू होने की तैयारी की जा रही है। ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन का निर्माण उचित मार्गदर्शन और नियमित कार्यक्रम के साथ किया जा रहा है और अपेक्षित अंतिमी तिथि में पूरा होगा।

गाज़ीपुर में गंगा नदी पर बन रहे देश के बहुप्रतीक्षित रेल-कम-रोड ब्रिज के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो गया है। इस डबल डेकर पुल पर ऊपर रोड और बीच में ट्रेन चलेगी और नीचे जलमार्ग जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि इस ब्रिज का निर्माण 14 सौ करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस पुल में रेल पटरियों की स्थापना दोनों ओर हो चुकी है और अब तकनीकी टीम (सीसीएफ लखनऊ) ने इस पर आगामी 28 मार्च को पहले चरण का प्रथम परीक्षण किया जाएगा। इस परीक्षण में दिलदारनगर गाज़ीपुर नई रेल मार्ग ताड़ीघाट (सोनवल) से रेलइंजन को लेकर गंगा नदी पार करते हुए इस नए ब्रिज से गाज़ीपुर सिटी रेल्वे स्टेशन तक यात्रा की जाएगी।

साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि पीलरों पर चल रहे गार्डर लांचिंग के कामों में तेजी लाई जाए। बनने वाले आरयूवी, ब्लाक हट स्टेशन, अन्य सुरक्षा प्वाइंटों का निर्माण जल्द शुरू करने को कहा। निरीक्षण के दौरान पाया कि 943 पाइलों में से 640 का निर्माण हो चुका है, शेष 303 के जल्द निर्माण का निर्देश दिया। परियोजना के बाबत उन्होंने स्वीकार किया कि इसमें सबसे बड़ा रोड़ा लैंड इश्यू है, जिसकी फिलहाल सुनवाई हो चुकी है, मगर पत्रावलियों का निस्तारण काफी धीमा है। उम्मीद जताया कि अगर यह समस्या समाप्त हो जाती है तो दोगुने रफ्तार से निर्माण कार्य चलता।

यह परियोजना निर्माण में कुछ समय लग सकता है क्योंकि रेल लाइन के निर्माण में कठिनाइयाँ और विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकार और संबंधित अधिकारियों ने इस परियोजना को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता दी है और सभी उच्चतम संघर्ष कर रहे हैं ताकि कार्य जल्दी से पूरा हो सके। अभी तक निर्माण कार्य की प्रगति प्रशासनिक एवं तकनीकी मंशा द्वारा समय से पूरी हो रही है। इस प्रक्रिया के अनुसार, यह उम्मीद की जा रही है कि ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन तीन से चार वर्षों के भीतर पूरी तरह से बन जाएगी। यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और समय-सीमा में पूरा होने की उम्मीद है।

इस दिन फर्स्ट फेज का प्रथम परीक्षण

इसके बाद, 30 जून को ताड़ीघाट से गाज़ीपुर घाट तक का परीक्षण योजनित है, जबकि परीक्षणों की प्रक्रिया जारी रहेगी। सीआरएस (रेलवे सुरक्षा कमिश्नर) की निरीक्षण के बाद, ट्रेन संचालन को जल्द ही हरी झंडी भी मिलेगी। इस बात की पुष्टि आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक (सीपीएम) विकास चंद्रा ने की है। उन्होंने बताया कि परियोजना का पहला चरण, ताड़ीघाट (सोनवल) से सिटी रेलवे स्टेशन तक की नई रेल लाइन पूरी हो गई है। 28 मार्च को सीआरएस द्वारा डीजल इंजन के साथ परीक्षण किया जाएगा, और जल्द ही नई रेल लाइन का उद्घाटन जनपद के निवासियों को सौभाग्य देने की उम्मीद है।

बताया जाता है कि ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना के पहले चरण में नई रेलवे लाइन, जो ताड़ीघाट (सोनवल) से गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन तक जाएगी, की निगरानी गोरखपुर और हाजीपुर दोनों जोनों द्वारा की जाएगी। इसके लिए रेल विभाग की चेकिंग टीम की ओर से 28 मार्च की तिथि नियत की गई है। पहले चरण की परियोजना पूरी हो चुकी है। विकास चन्द्रा ने बताया है कि इस कार्य को रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा पुल की परियोजना 3 जून 2016 को तय की गई थी। इसकी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स ने दी थी। फिर सारी क्लियरेंस लेकर 14 नवम्बर को पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया और आज यह इस स्थिति में पहुंच गया है कि ट्रेन चलाने के लिए तैयार हो गया है।

14 सौ करोड़ खर्च की लागत से हो रहा निर्माण

सीसीएफ द्वारा इसकी जांच के लिए 28 मार्च की डेट दी है और इसके पहले इसके सभी कार्य को पूर्ण करने में लगे हुए हैं। ट्रैक लिंकिंग का काम हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस पुल के निर्माण से नए रूट पर विभिन्न प्रकार की ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद से लोगों को दूसरे स्थानों पर स्थित स्टेशनों तक यात्रा करने के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही जिले में व्यापारिक और अन्य गतिविधियां बढ़ जाएंगी। 

उन्होंने बताया कि इस पुल के बनने के बाद रेल रूट को मुगलसराय से बाईपास करके हावड़ा से दिल्ली जाया जा सकता है। बाकी इस पुल को दिलदारनगर ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी और ताड़ीघाट से गाजीपुर घाट स्टेशन वाई डिजाइन बनाने के लिए 14 सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें पहला चरण ताड़ीघाट से सिटी स्टेशन तक 28 मार्च तक और दूसरा चरण ताड़ीघाट से गाजीपुर घाट स्टेशन तक 30 जून तक पूरा किया जाएगा।

ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन का निर्माण महत्वपूर्ण और अवसरों से भरा है। इस रेलवे परियोजना के माध्यम से जनता को कई लाभ मिलेंगे। इससे प्रदेश में यातायात का एक नया माध्यम मिलेगा, जिससे यात्रा सुविधा बढ़ेगी और समय भी कम लगेगा। इस रेलवे लाइन के माध्यम से लोग आसानी से ताड़ीघाट और मऊ के बीच यात्रा कर सकेंगे और अन्य स्थानों के लिए भी यह रेल लाइन एक महत्वपूर्ण कनेक्शन प्रदान करेगी। जैसे कि रेलवे स्टेशन, पुल, प्लेटफ़ॉर्म, रेल ट्रैक, रेल लाइन का संरक्षण, इलेक्ट्रिकल कनेक्शन आदि। इन सभी कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी मंशा अधिकृत लगातार काम कर रही हैं।

गाजीपुर में रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया गया। सीआरएस ने सावधानी से निर्माणाधीन रेलवे कम रोड ब्रिज का निरीक्षण किया गया। गाजीपुर सिटी स्टेशन से सोनवल स्टेशन तक रेलवे ट्रैक का निरीक्षण सीआरएस द्वारा किया गया। गाजीपुर में गंगा नदी पर रेल कम रोड ब्रिज निर्माण के अंतिम चरण में है, जिसका सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया।

गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ताड़ीघाट-मऊ नई रेल के निर्माण की बीती को सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया। एडीआरएम राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि सीआरएस द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक सीआरएस के निरीक्षण और स्पीड ट्रायल के बाद, इस रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन का संचालन सिटी स्टेशन तक आने वाले दिनों में होने लगेगा।

ज्ञात हुआ है कि पहले चरण के इस परियोजना की कुल लंबाई 9,600 किलोमीटर है। अधिकारियों ने ट्रैक, सिग्नल, प्वाइंट, क्रॉसिंग, लाइटिंग आदि के निरीक्षण को बहुत ही सावधानीपूर्वक किया। ताड़ीघाट-गाजीपुर सिटी-मऊ नई रेल लाइन पर सीआरएस (रेल सुरक्षा आयुक्त) के दौरे से पहले ही रेलवे ने पूरी भरी हुई मालगाड़ी का संचालन किया। संचालन के बाद इसे पूर्ण रूप से परीक्षण किया गया है। परीक्षण पूर्णतया सफल रहा है। रेल सुरक्षा आयुक्त की निरीक्षण के बाद ही इस नई रेल लाइन पर ट्रेन के संचालन की अनुमति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर महीने में इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

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