कासिमाबाद एसडीएम अश्वनी पांडेय ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच की। इस जांच में दवा के स्टॉक में कमी और दो महिला कर्मचारियों के ऊपर कार्य की कोई जिम्मेदारी नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया।
एसडीएम की जांच से स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों में हड़कंप मचा। एसडीएम ने स्वास्थ केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों से जानकारी ली, दवाओं के बारे में पूछा। इसके बाद टेलीमेडिसिन सेंटर के संबंध में जानकारी ली और मौजूद मरीजों से सुविधाओं के बारे में बात की। उसके बाद दवा वितरण कक्ष में दवा के स्टॉक के बारे में जानकारी ली। मेडिसिन स्टॉक रूम में दवा की जांच कराई गई, जिसमें कुछ दवाएं निर्धारित मात्रा से कम मिलीं और कुछ निर्धारित मात्रा से अधिक पाई गईं। इस पर उन्होंने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने हेल्थ एटीएम मशीन से अपने खून और आंख की जांच कराई। वहां से पैथोलॉजी सेंटर में जांच से संबंधित जानकारी ली। इस दौरान वहां पर सीबीसी जांच मशीन बंद मिली। इस संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। केंद्र पर तैनात महिला कर्मचारी सविता और साधना के कार्य के बारे में जानकारी ली तो बताया गया कि इनके पास कोई कार्य की जिम्मेदारी नहीं है। इस पर स्पष्टीकरण मांगते हुए उन्होंने वेतन रोकने का निर्देश दिया।
कासिमाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने एक अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर की जांच भी एसडीएम ने की। निरीक्षण में अल्ट्रासाउंड को संचालित करने वाला कोई डॉक्टर मौके पर नहीं मिला और न ही कोई वैध कागजात दिखाया गया। एसडीएम ने अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर को सील कर दिया। एसडीएम की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही कासिमाबाद क्षेत्र के सभी फर्जी अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे की दुकानें धड़ाधड़ बंद होने लगीं। इसके अलावा झोलाछाप भी अपनी अस्पताल को बंद करके फरार हो गए।