गर्मी के दिनों में जब धूप चमकती है, तब सड़कों पर चलने वाले यात्रियों को पेयजल से वंचित नहीं होना चाहिए। इसलिए पिछले कुछ सालों में गाजीपुर नगर पालिका परिषद ने शहर के प्रमुख चौराहों और पूरे शहर में पेयजल सप्लाई प्लांट स्थापित करवाए हैं, जिसके लिए लाखों के सरकारी बजट का इस्तेमाल हुआ है।
हालांकि, सही देखभाल और उपयुक्त रख-रखाव की कमी के कारण, ये सभी मशीनें बिगड़ चुकी हैं और अब बंद और अप्रचलित हालत में हैं। इन मशीनों का कोई मतलब नहीं रह गया है, जबकि इसे प्यासे यात्रियों की मदद के नाम पर लगाया गया था।
इस समस्या के संबंध में आज नगरवासियों ने युवा सामाजिक सेवा के पूर्व छात्रसंघ के उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय के नेतृत्व में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी से मिलकर एक पत्र सौंपा। सामाजिक सेवा कर्मी दीपक उपाध्याय ने बताया कि शहर के प्रमुख चौराहों और मंदिरों के पास रेन्डरिंग ऑफ़ वाटर (RO) उपकरण स्थापित हैं, लेकिन नगर पालिका की लापरवाही के कारण लाखों के खर्चे से लगे उपकरणों की स्थिति खराब हो गई है।
जिलाधिकारी ने समाधान का दिया निर्देश
आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। हमने उनसे मशीनों की मरम्मत करने और इन्हें जल्द से जल्द ठीक चलाने की मांग की है। डीएम ने प्रशासनिक अधिकारी को इस समस्या का हल निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। इस पत्र को सौंपने वाले छात्र नेताओं में अभिषेक, राजू पाण्डेय, विशाल विश्वकर्मा, प्रिन्स प्रजापति, अमन दुबे, संदीप यादव, शैलेश यादव, अविनीश सिंह, शिवम पाल शामिल थे।