अमृत सरोवर के तालाब को मछली पालन के लिए पट्टी की सूची में शामिल किये जाने से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने इसके विरोध में रविवार को प्रदर्शन भी किया है। चेतावनी दी है कि मछली पालन की सूची से अमृत सरोवर के तालाब को बाहर नहीं किया गया, तो तहसील मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा।
यह मामला बिरनो विकास खंड के कहोतरी गांव का है। जहां मछली पालन के लिए गाज़ीपुर तहसील से जारी पट्टा किए जाने वाले पोखरों की सूची में अमृत सरोवर योजना के तहत खोदे गए कहोतरी गांव के तालाब को भी शामिल कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि मछली पालने वाले इसमें का सारा पानी मछली मारने के लिए इधर से उधर बहा कर सुखा देते हैं। मछली पालन से अमृत सरोवर का स्वरूप बिगड़ जायेगा।
ग्रामप्रधान मेवा यादव का कहना है कि वह अमृत सरोवरों को गोद लेकर उनका विकास और रख रखाव कर रहे हैं। अमृत सरोवर के लिए चयनित पोखरी में लगभग 50 प्रतिशत से ऊपर का कार्य हो चुका है। इसके आगे के कार्य के लिए बजट भी पास हो चुका है। इस तालाब में विगत कई वर्ष से ग्रामसभा व आसपास के अन्य ग्रामसभाओं की महिलाएं छठ पूजा भी करने आती हैं। यहां मेला का भी आयोजन होता है। इस पोखरे पर पितृविसर्जन के दिन तर्पण भी किया जाता है।
किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए यहां भी पानी का उपयोग करते हैं। अगर इस अमृत सरोवर तालाब को मत्स्य पालन के लिए पट्टा निरस्त नहीं किया गया, तो जिला मुख्यालय थिति सरजू पांडे पार्क में धरना प्रदर्शन किया जायेगा। विरोध करने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य नथुनी राम, अच्छेलाल यादव, गुड्डू पासवान, लालमणि देवी, रमायन कश्यप, गोपियां देवी, चनावती देवी, राधे राम, चन्द्रमा राम, अंजु देवी, भंगन बिंद, नथुनी शर्मा, रमेश राम, सुरजीत, रमेश खरवार आदि शामिल रहे।