Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

Vastu Tips: जाने मकान की नींव में क्या-क्या रखना चाहिए

अपना घर हो हर इंसान का सपना होता है। इसमें मकान की नींव पूजा का अपना विशेष महत्व है, नींव पूजा के समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले वास्तु ज्योतिष की सलाह लेना आवश्यक माना जाता है।


know-what-should-be-kept-in-the-foundation-of-the-house


मकान निर्माण की पूर्व चरण में नींव खोदी जाती है और उस नींव में वास्तु के अनुसार धातु का एक सर्प और कलश स्थापित किया जाता है, फिर नींव बनाई जाती है। इस कार्य का पीछा कारण जानने के लिए हम इस संबंध में संक्षेप में जानकारी प्राप्त करते हैं। भगवान शिवजी के आभूषण नागराज कहलाते हैं। लक्ष्मण और बलराम को शेषनाग का अवतार माना जाता है। इसी विश्वास के कारण यह प्रथा प्रचलित है।


नींव पूजन के दौरान, कलश के सात रूप में शेषनाग की आकृति को प्रतीकात्मक रूप से स्थापित किया जाता है। इससे यह संकेत मिलता है कि जैसे शेषनाग अपने फन पर पूरे पृथ्वी को संभालते हैं और उसकी सुरक्षा करते हैं, उसी प्रकार मेरे इस भवन की भी सुरक्षा हो।


नींव में चांदी के नाग की आकृति स्थापित की जाती है। उसके साथ ही विष्णुरूपी कलश को क्षीरसागर का प्रतीक माना जाता है, जिसमें जल और दूध मिश्रित होता है, और जो सिक्का रखा जाता है, वह देवी लक्ष्मीजी की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। इन तीनों का विधिवत पूजन किया जाता है।


नींव को भरने से पहले उसमें चांदी से बने हुए नाग-नागिन के जोड़े को दबाया जाता है। माना जाता है कि जैसे भगवान कृष्ण की रक्षा शेषनाग ने की थी, उसी प्रकार यह नींव भी घर को हर प्रकार की बलाओं से बचाएगी।


मकान की नींव पूजा की सामग्रिया 

जब भी नया मकान की नींव का निर्माण होता है तो उसकी पूजा की जाती है। नींव पूजा में कई प्रकार की सामग्रियों की आवश्कता पड़ती है जो कि इस प्रकार है जैसे कि रोली, पान के 5 या 7 पत्ते, लौंग, इलायची, साबुत सुपारी, जौ, कपूर, आटा, चावल काला तिल, पीली सरसों, धूप, हवन सामग्री, पंचमेवा, गाय का शुद्ध घी, तांबे की लुटिया में जल, एक नारियल और इत्यादि। इसके बाद से विधिवत तरीके से मकान की नींव पूजा करवाएं।


मकान की नींव निर्माण या रिनोवेशन

मकान की नींव एक नये निर्माण या रिनोवेशन प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है जो एक दृढ़ और सुरक्षित मकान की नींव तैयार करती है। अच्छी नींव के बिना, एक मकान की जीवनकारी खतरे में हो सकती है और सामरिक तंत्र बाधित हो सकता है। यहां मकान की नींव में रखने चाहिए कुछ महत्वपूर्ण तत्वों की एक सूची है:


सटीकता और इंजीनियरिंग: मकान की नींव को सटीकता के साथ डिजाइन किया जाना चाहिए। अच्छे इंजीनियरिंग और वास्तुकला के संयोग से निर्मित नींव एक मजबूत और स्थिर मकान की नींव तैयार करेगी।

मंजिल की स्थिति: मकान की नींव को उचित स्थान पर बनाना चाहिए। यह मकान के निर्माण के लिए सही भूखंड और जमीन का चयन करने के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है।

मजबूत यांत्रिकी: मकान की नींव को मजबूत यांत्रिकी के साथ डिज़ाइन किया जाना चाहिए। मजबूत यांत्रिकी सुनिश्चित करेगी कि मकान भूकंप, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सुरक्षित रहेगा।

विद्युत सुविधा: मकान की नींव में उचित विद्युत सुविधाएं जोड़ी जानी चाहिए। इसमें सामान्य बिजली कनेक्शन, उचित वायरिंग, और सुरक्षा प्रणाली शामिल होनी चाहिए।

जल संरचना: एक अच्छी नींव में जल संरचना की व्यवस्था होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि जल संचयन और निर्माण की व्यवस्था मकान को पूरे वर्ष जल प्रदान करेगी।

जीवन की सुविधाएं: मकान की नींव में आवश्यक जीवन की सुविधाएं होनी चाहिए, जैसे कि नलकूप, सीवरेज सिस्टम, गैस कनेक्शन आदि।

संरक्षण और सुरक्षा: मकान की नींव को संरक्षण और सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए। इसमें आग सुरक्षा, बंदरगाह के लिए सुरक्षा द्वार और बाहरी संरक्षा उपकरण शामिल हो सकते हैं।

प्राकृतिक रोशनी: एक अच्छी नींव में प्राकृतिक रोशनी को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसमें बड़े खिड़कियां, सुनदर छतें और स्काइलाइट्स के साथ डिज़ाइन किए गए खुले स्थान शामिल हो सकते हैं।

अच्छा निर्माण सामग्री: मकान की नींव के लिए अच्छी निर्माण सामग्री का चयन करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि मकान दीर्घकालिक दृढ़ता और स्थिरता के साथ निर्माण हो।

पर्यावरण संरक्षण: मकान की नींव को पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों के अनुरूप डिजाइन किया जाना चाहिए। इसमें जल संचयन के लिए बारिशजल संचयन यंत्र, ध्वनि नियंत्रण के लिए शोर प्रतिबंधक और ऊर्जा संग्रह के लिए सौर ऊर्जा साधनों का उपयोग शामिल हो सकता है।


इन महत्वपूर्ण तत्वों को ध्यान में रखकर, एक मकान की नींव उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा, और सुविधाओं का एक आदर्श स्थान बना सकती है। एक ठोस नींव एक मकान के बाकी हिस्सों की सुरक्षा और दृढ़ता का आधार बनाती है और एक आरामदायक और खुशहाल जीवन की सुविधा प्रदान करती है।


नींव को खुदवाते समय दिशाओं का रखें ध्यान

नींव को खुदवाते समय उसकी दिशाओं का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है। इसका मतलब है कि नींव की ऊंचाई, लंबाई, चौड़ाई, और अनुपात को सही रखें। नींव की सही दिशा न सिर्फ आधारभूत वास्तु नियमों का पालन करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि घर की ऊर्जा व्यवस्थित और समतुल्य रूप से प्रवाहित होती है।


पूर्व दिशा घर के मुख्य प्रवेश द्वार के लिए उचित होती है, जबकि उत्तर दिशा आरामदायक कक्ष और बेडरूम के लिए अनुकूल होती है। पश्चिम दिशा धन और व्यापार के लिए शुभ मानी जाती है, जबकि दक्षिण दिशा उपयुक्त होती है व्यापारिक गतिविधियों और उत्पादकता के लिए। सही दिशा के अनुसार नींव बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वास्तुशास्त्र के अनुसार सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है।


जानें नींव की भराई का भी नियम

नींव की भराई एक महत्वपूर्ण वास्तु नियम है जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है। नींव की सही भराई से न केवल घर की मजबूती और स्थिरता बढ़ती है, बल्कि वहां रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य और सुख-शांति को भी प्रभावित करती है।


नींव की भराई के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

  • नींव की औसत भराई उच्चायी और गहरी होनी चाहिए।
  • नींव को सीमांकित और निश्चित माप के अनुसार खुदवाएं।
  • नींव की गहराई बारिश और पानी के संचय की अनुमति देने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
  • नींव को आचार्य के मार्गदर्शन में खुदवाएं, जिससे वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन हो सके।
  • नींव की सुर्खियों को समान और सतही बनाएं, जिससे नींव की सुषम प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
  • नींव में दरारें और खंडहरों की अनुमति न दें, जो नींव की मजबूती को कम कर सकते हैं।

यदि नींव की भराई को सही नियमों के अनुसार किया जाए, तो घर की ऊर्जा और आनंद को बढ़ाने में सहायता मिलेगी और घरवालों को सुखी जीवन जीने का आनंद मिलेगा।


Also Read: Vastu Tips: पूजा-घर में भूलकर भी न रखें ये चीजें, मिल सकते हैं अशुभ प्रभाव


इन चीजों को जरूर नींव में स्थापति करें  

नींव बनाते समय कुछ विशेष चीजें नींव में स्थापित करने चाहिए जो घर की मजबूती और सुरक्षा को बढ़ाती हैं। ये चीजें नींव में स्थापित करने के लिए निम्नलिखित विचारों का पालन करें:

  • धातु का सर्प: नींव में धातु का एक सर्प स्थापित करने से घर को संरक्षित रखने का संकेत मिलता है।
  • कलश: एक शुद्ध कलश नींव में स्थापित करना शुभ माना जाता है, जो समृद्धि और शुभता को प्रतिष्ठित करता है।
  • सिक्का: नींव में सिक्का रखने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है और घर में वित्तीय स्थिरता का संकेत मिलता है।
  • गणेश या वास्तु पुरुष: नींव में गणेश या वास्तु पुरुष की मूर्ति स्थापित करने से सफलता, सुख और खुशहाली की प्राप्ति होती है।
  • महामृत्युंजय मंत्र: नींव में महामृत्युंजय मंत्र का ध्यान रखने से स्वास्थ्य और सुरक्षा की सुरक्षा होती है।
  • पूजा कक्ष: नींव में एक पूजा कक्ष स्थापित करने से आध्यात्मिक और मानसिक सुख की प्राप्ति होती है।

ये चीजें नींव में स्थापित करके आप अपने घर को सुरक्षित, प्राकृतिक ऊर्जा से परिपूर्ण और सौभाग्यशाली बना सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad