कासिमाबाद के पूर्ति निरीक्षक धीरेंद्र त्रिपाठी ने गाजीपुर जिले में स्थित ग्राम पंचायत रामगढ़ के विकास खंड क्षेत्र में स्थित एक दुकान की उचित दर विक्रेता की जांच की। इस जांच के दौरान अनियंत्रितता की बहुत बड़ी मात्रा और राशन वितरण में धांधली का पता चलने पर जिला अधिकारी की स्वीकृति से कासिमाबाद कोतवाली में प्राथमिकता का नोटिस जारी किया गया। इस कार्रवाई से राशन विक्रेताओं के बीच उथल-पुथल मच गई।
कासिमाबाद के पूर्ति निरीक्षक धीरेंद्र प्रताप त्रिपाठी ने बताया कि विकास खंड के रामगढ़ ग्राम पंचायत में स्थित विजय बहादुर राम नामक विक्रेता द्वारा खाद्यान्न में कालाबाजारी की शिकायत लंबे समय से हो रही थी। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को उचित कर विजय बहादुर राम की दुकान का जांच की गई। जांच के दौरान विक्रेता के स्टॉक में भारी अनियमितता मिली।
ई-पॉस मशीन में प्रदर्शित डाटा के अनुसार, गेंहू का 14.65 कुंटल, चावल का 23.04 कुंटल और चीनी का 0.51 कुंटल स्टॉक होना चाहिए था, हालांकि स्थानिक जांच में स्टॉक शून्य पाया गया। जांच के समय विक्रेता की दुकान पर स्टॉक बोर्ड प्रदर्शित नहीं हुआ था और दुकान पर निशुल्क राशन वितरण का बैनर भी नहीं लगा था। बिक्री रजिस्टर और स्टॉक रजिस्टर में कोई अंतर नहीं था। इस दुरुपयोग और लाभ प्राप्त करने की उद्देश्यता से, कार्ड धारकों को निर्धारित खाद्यान्न नहीं दिया गया।
कासिमाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है, जहां खाद्यान्न के दुरुपयोग और दुकान पर भारी मात्रा में मिली अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए जिला अधिकारी के अनुमोदन प्राप्त होने के बाद, उचित दर विक्रेता विजय बहादुर राम के विरुद्ध कासिमाबाद कोतवाली में आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। साथ ही, दुकान को निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पूर्ति निरीक्षक की द्वारा राशन विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है।