सावन माह में एक ओर मुख्यमंत्री फूलों की वर्षा करते हैं, वहीं दूसरी ओर सिधौना-बिहारीगंज मार्ग पर कावरियों को दुःख पहुंचेगी। उनके लिए इस मार्ग से गुजरना आसान नहीं होगा। उस पथ पर, ईंट-पत्थरों के टुकड़ों के अलावा हजारों छोटे-बड़े गड्ढों में नाबदान का गंदा पानी बह रहा होगा, और शिवभक्तों को उसे पार करना होगा।
सावन माह के दिनों में कैथी के मार्कंडेय और बनारस के विश्वनाथ धाम पर महादेव की जलाभिषेक करने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए सिधौना-बिहारीगंज ही सरल मार्ग है। इसके अलावा, बभनौली गांव में स्थित बिछुड़नाथ महादेव और औड़ीहार के वराहधाम पर जलाभिषेक करने वालों की संख्या भी हजारों में होती है। इस वर्ष भी पिछले वर्षों की तरह इस मार्ग की हालत खराब होने के कारण, शिवभक्तों की यात्रा के दौरान टोली यहां आती है और खून के आंसू बहाती है।
इसलिए, उनके लिए यह मार्ग काँटों पर चलने जैसा ही होगा। सिधौना निवासी सपा नेता राहुल यादव ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार सड़क बनाना संभव नहीं है। इसलिए, जिले में एमएलसी और दर्जा प्राप्त मंत्री भी सुधार करने में असमर्थ हैं। इस मार्ग के आसपास रहने वाले लोग दुखी जीवन जी रहे हैं। सिधौना निवासी कमलेश यादव, जिन्हें राय साहब के नाम से जाना जाता है, ने कहा कि रामायण से लेकर सरकार तक कई पत्र लिखे गए हैं, लेकिन अभी तक अधिकारी और सरकार कोई कार्रवाई नहीं की है।
पिछले 10 वर्षों में सरकार ने इस सड़क के निर्माण में विफलता देखी है। जेई, पीडब्ल्यूडी अरविंद कुमार के मुताबिक, सिधौना-बिहारीगंज मार्ग की 3.8 किलोमीटर लंबाई की मरम्मत के लिए 7.6 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है, और विभाग ने इसे सरकार को भेज दिया है। जब बजट स्वीकृत हो जाता है, तब मार्ग का निर्माण आरम्भ होगा।