गाजीपुर में पारा की थोड़ी सी नरमी के बावजूद उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। ऐसे में अगर परिवार की किसी गर्भवती महिला को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लेकर आना है तो कूलर और पंखा साथ लाना न भूलें। वजह वार्डों में लगे एसी लंबे समय से खराब तो पड़े हुए हैं, उस पर धूल की मोटी परत जम चुकी है। यहीं नहीं वार्ड में लगा पंखा भी खराब पड़ा हुआ है। प्रसूता और नवजात उमस से बेहाल हैं, वहीं तीमारदार घर से कूलर और स्टैंड पंखा लेकर वार्डों तक दौड़ लगाने को विवश हैं।
महर्षि विश्वामित्र स्वशासी मेडिकल कॉलेज से जिला महिला अस्पताल के संबंध होने पर बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं से लैस होने का अनुमान लगाया जा रहा था। जबकि स्थिति यह है कि वार्डों में भर्ती गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को तमात दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे तल पर महिला मरीजों को भर्ती कराने के लिए सर्जिकल वार्ड, पीएनसी वार्ड और एएनसी वार्ड स्थापित कराया गया है और सुविधाओं का दावा किया जा रहा था, लेकिन तेज धूप और उमस भरी गर्मी ने ऐसी पोल खोली कि महिला मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए तीमारदार घरों से कूलर और पंखा लाकर वार्ड में लगा रहे हैं।
वजह सर्जिकल वार्ड, प्रसूता कक्ष और एएनसी वार्ड में लगे एसी खराब है। वहीं पीएनसी वार्ड का पंखा खराब पड़ा हुआ है। प्रसूता कक्ष में भर्ती प्रसूता और नवजात को गर्मी और उमस से बचाने के लिए तीमारदार घरों से लाकर कूलर और स्टैंड पंखा लगा रहे हैं। इस संबंध में महर्षि विश्वामित्र स्वशासी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ। आनंद मिश्रा ने बताया कि वार्डों में लगे एसी दुरुस्त करने के साथ बदलने का कार्य चल रहा है। जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएगी।
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निजी केंद्रों से कराना पड़ रहा अल्ट्रासाउंड
गाजीपुर। जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मेडिकल कॉलेज से संबंध होने के बाद भी महिला मरीजों को राहत नहीं मिल पा रही है। महंगे दामों पर निजी केंद्रों तक दौड़ लगानी पड़ रही है। ऐसे में सबसे अधिक दिक्कत आर्थिक रूप से कमजोर महिला मरीजों को उठानी पड़ी रही है। कई बार शिकायत के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।