गाजीपुर जिले में गर्मी और उमस के कारण लोगों की सेहत पर बहुत असर पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बीस फीसदी से अधिक बढ़ गई है। सुबह नौ बजे ही अस्पताल के पर्ची काउंटर पर मरीजों के साथ तीमारदारों की लंबी कतार देखी जा रही है। इस दौरान, पर्ची प्राप्त करने की जल्दबाजी में धक्का मुक्की की घटनाएं हो रही हैं। चिकित्सकों का सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कहना है कि इस उमस भरी गर्मी में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
धूप और उमस भरी गर्मी के कारण लोग बहुत पसीने बहा रहे हैं। पसीने के कारण लोग खाने-पीने में थोड़ी सी लापरवाही करते ही बीमार हो रहे हैं। बुधवार को 2566 मरीज इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। वहीं, तीन सौ करीब पुराने पर्चे वाले मरीज उपचार के लिए भी पहुंचे। इससे पहले अस्पताल में मरीजों की संख्या लगभग दो हजार होती है।
वैद्यकीय विशेषज्ञ डॉ. नारायण पाण्डेय ने बताया कि गर्मी और उमस के बढ़ने से समर कोल्ड, जिसे नजला, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार कहा जाता है, के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन बीमारियों से संबंधित लगभग 50 से 60 प्रतिशत मरीज प्रभावित हो रहे हैं। इसका कारण है कि उमस के कारण शरीर में पसीना बढ़ जाता है। इसलिए ठंडे पानी या बर्फ का सेवन से बचना चाहिए। ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से गला खराब होने, नजला, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार के लक्षण होने की संभावना रहती है। इसमें छींक आना, नाक बंद होना, नाक से पानी बहना और गले में खराश होना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए खानपान में सावधानी बरतनी आवश्यक होती है।
वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि मौसम का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। बच्चों में वायरल बुखार के साथ नजला, जुकाम और खांसी के मामले ज्यादा आ रहे हैं।