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ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को धरातल पर उतारने की कोशिश तेज

गाजीपुर जिले के जंगीपुर से छपरा के रिविलगंज तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण की कार्ययोजना शुरू हो गई है। इस वेगवती सड़क की कुल चौड़ाई 60 मीटर होगी। एनएचएआई द्वारा टेंडर भी अंतिम रूप दिया जा चुका है और एजेंसियों के सहमति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कुल तीन एजेंसियाँ अलग-अलग हिस्सों में कार्य आरंभ करेंगी। गाजीपुर और बलिया के राजस्व विभाग द्वारा 90 फीसदी जमीनों का दाखिला किया गया है। अब एनएचएआई द्वारा जमीनों की पहचान करने का कार्य आरंभ किया गया है।

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117.12 किलोमीटर लंबी चार लेन वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे और 17 किलोमीटर लंबी फोरलेन लिंक रोड परियोजना को जमीन पर शुरू करने की पहल शुरू हो गई है। जंगीपुर से छपरा के रिविलगंज तक बनने वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे और ऊंचाडीह से बक्सर, बिहार तक फोरलेन लिंक रोड के निर्माण के लिए 90 फीसदी भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। एनएचएआई द्वारा टेंडर फाइनल किया जा चुका है और एग्रीमेंट की प्रक्रिया चल रही है जो शीघ्र ही पूरी हो जाएगी।

एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को चार पैकेजों में विभाजित किया गया है। कुल तीन एजेंसियां इसे चार हिस्सों में कार्य शुरू करेंगी। इसमें एक एजेंसी को दो पैकेज का कार्य सौंपा गया है। अधिकांश जमीनों की रजिस्ट्री पूर्ण होने के बाद, एनएचएआई द्वारा भौतिक सत्यापन कार्रवाई चल रही है और विभिन्न स्थानों पर आरओडब्लू कार्य शुरू कर दिया गया है।

विभागीय अधिकारी के अनुसार, सेंटर से बाईं और दाईं ओर 30-30 मीटर की जमीन अधिग्रहित की गई है। आरओडब्लू के तहत जमीनों के चिह्नांकन का कार्य शुरू किया गया है ताकि किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में उसका निस्तारण किया जा सके। साथ ही, निर्धारित की गई एजेंसियों के एग्रीमेंट का कार्य भी अंतिम चरण में है।

गाजीपुर के 87 और बलिया के 98 गांवों से होकर गुजरेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे

यह एक्सप्रेस वे जनपद के 87 और बलिया के 98 राजस्व गांवों से होकर बिहार की सीमा में प्रवेश करके बलिया के मांझी घाट तक जाएगी। इसके लिए सदर तहसील के 22, मुहम्मदाबाद के 5 और कासिमाबाद तहसील के 22 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। साथ ही, बलिया में सदर तहसील के 82 और बैरिया के 16 गांवों के किसानों की जमीन भी इसमें शामिल होगी।

पेड़-पौधे लगाने के साथ तालाबों और अन्य जल स्त्रोतों का संरक्षण किया जाएगा

ग्रीनफील्ड के दोनों तरफ पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही, परियोजना के आसपास के तालाब, नदी सहित अन्य जल स्रोतों का संरक्षण भी किया जाएगा। इससे पूरी परियोजना के चारों ओर पर्यावरण का विशेष आवरण बना रहेगा। साथ ही, परियोजना के किनारे विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और ट्रांसपोर्ट हब बनाने की भी योजना है। माना जा रहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को जोड़ने के दौरान ही उस क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट हब निर्मित होगा।

पूर्वोत्तर राज्यों से बढ़ेगी कनेक्टिविटी, व्यापार बढ़ेगा

गाजीपुर, बलिया होते बिहार के रिविलगंज तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे व ऊंचाड़ीह से बक्सर बिहार में फोरलेन तक लिंक रोड बनने से सुविधाओं में काफी इजाफा होगा। यूपी व बिहार के महानगरों में जाना-आना जहां आसान हो जाएगा वहीं, झारखंड, असम, कोलकाता तक की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इससे व्यवसायिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी ग्रीनफील्ड की कनेक्टिविटी होने से गाजीपुर, बलिया, छपरा और बक्सर का क्षेत्र इंटरकनेक्टेड होगा। इससे आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी। इससे आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की सब्जी, अनाज, दूध समेत अन्य प्राथमिक उत्पाद तेजी से बड़े शहरों को भेजा जा सकेगा। और वहां के माल तेजी से छोटे शहरों की ओर आ सकेंगे।

जनपदों से जमीनों के अधिग्रहण की सूचना के आधार पर आरओबी का कार्य शुरू हो गया है। चयनित एजेंसियों के एग्रीमेंट का कार्य अंतिम दौर में है। भौतिक सत्यापन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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