मंगलवार को गाजीपुर में प्रभारी मंत्री और प्रदेश के राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के पहले चरण, जिसमें ताड़ीघाट-मऊ नई रेल विस्तारीकरण परियोजना शामिल है, का निरीक्षण किया और अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने परियोजना को नवंबर 2023 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए ताकि नए साल से पहले प्रधानमंत्री जी इस महत्वपूर्ण परियोजना को अपने हाथों से देश को समर्पित कर सकें। वाराणसी सर्किट हाउस से आज सड़क मार्ग का उपयोग करके गाजीपुर सर्किट हाउस तक पहुंचे। वहां से सीधे घाट स्टेशन पर स्थित आरवीएनएल के गेस्ट हाउस की ओर चलकर पहुंचे, जहां उन्हें परियोजना के माध्यम से इंजीनियरों ने प्रेजेंटेशन दी।
उसके बाद उनका काफिला रेल सह सड़क पुल के निरीक्षण के लिए पहुंचा, जहां उन्होंने ऐतिहासिक ट्राली और पैदल चलकर अवलोकन किया। इस दौरान प्रभारी मंत्री और प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प और न्यायालय शुल्क/पंजीयन विभाग के रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि हम आज विकास को तीर्थ मानते हैं। उन्होंने कहा कि केवल मंदिर और मस्जिद ही तीर्थ नहीं होते हैं, विकास का मॉडल भी तीर्थ स्थान की भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि जब विकास होता है तो आम जनता को, देश को भला होता है, निरीक्षण का उद्देश्य यही है कि सभी देशभर में निर्माण का समय से पूरा हो। उन्होंने कहा कि हम विकास को देखते हैं, और इसका भाव यह है कि जब यह समय पर निर्माण होगा, तो देश को समर्पित होगा और उससे देश को लाभ होगा। उन्होंने तत्कालीन सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी को याद करते हुए कहा कि उनकी मांग के प्रभाव से ही पटेल आयोग का गठन हुआ।
जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा
इसके बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्घाटन हुआ, जो जल्द ही जनता को समर्पित की जाएगी। इस अवसर पर एडीएम आर्यका अखौरी, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, पूर्व विधायक सुनीता सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, जीपीटी इंफ्रा परियोजना के वाइस प्रेसिडेंट अश्वनी कुमार, सदर एसडीएम प्रतिभा मिश्रा, सीओ विधि भूषण मौर्य, आरवीएनएल के पीडी जीवेश ठाकुर, मैनेजर पीके सिंह, डिप्टी मैनेजर रितेश कुमार, अजय राय, सुनील सिंह आदि मौजूद रहे।