पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत गाजीपुर के जमानियां में 9.600 किलोमीटर लंबी ताड़ीघाट-मऊ नई रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस कार्य में करीब 35 करोड़ रुपये का खर्च होगा, जिसके तहत अब तक 26 पिलर पर गार्डर लॉन्चिंग और उसके ढलाई का कार्य पूरा हो चुका है। बचे हुए 22 पिलर पर भी गार्डर लॉन्चिंग और ढलाई की तैयारी चल रही है। संगठन के अनुसार, इस दोहरीकरण का कार्य साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
नई रेल लाइन के दोहरीकरण के पूरा होने के बाद और परियोजना के उद्घाटन के बाद इस पर ट्रेनों को निर्बाध गति से चलाने की सुविधा होगी। इस कार्य की शुरुआत मार्च महीने में हुई थी, जिसके लिए फरवरी 2023 में बजट आवंटित किया गया था। सभी शेष पिलरों पर गार्डर लॉन्चिंग और ढलाई का काम पूरा होने के बाद, इस वायडक्ट के बेड पर ब्लास्ट करने और स्लीपर लगाने के बाद नई रेल लाइन स्थापित की जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर 2016 को आधार शिला रखी थी। इसके बाद सिग्नल पोल, लोकेशन बॉक्स, एक्सल काउंटर और विद्युतीकरण की पूरी प्रक्रिया के बाद, इस दोहरीकरण लाइन के रेल संरक्षा आयुक्त की निरीक्षण और उसके बाद हरी झंडी मिलने के बाद ट्रेनें इस लाइन पर संचालित की जा सकेंगी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 1766 करोड़ रुपये थी।
रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्र ने बताया कि पहले चरण के दोहरीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। जल्द ही इस काम को भी पूरा किया जाएगा और इस लाइन के सीआरएस के बाद ट्रेनें संचालित की जा सकेंगी। यहां बताया गया कि इसके लिए पहले से ही निर्धारित बजट आवंटित किया जा चुका है।