गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के समीप गंगा नदी पर स्थित पीपापुल को जलस्तर के सम्भावित बढ़ाव और मानसून के दस्तक देने की आशंका को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार 15 जून से 15 अक्टूबर तक आवागमन बंद कर दिया गया है।
इसके बाद रेत में बिछाई गई लोहे की प्लेटो और पीपा को हटाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इसके कारण अब राहगीरों के लिए आवागमन का एकमात्र सहारा नाव ही बचा है। पीपापुल के बंद होने से दो तहसीलों को जोड़ने के लिए अब लोगों को 30 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ रही है। इन चार महीनों तक लोगों को अपनी जेब को ढीली करनी पड़ेगी।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार इस जगह पर जल्दी से पक्का पुल बनवा देती है, तो लोगों का सारा साल भर आवागमन निरंतर बना रहेगा। इससे क्षेत्र में सैकड़ों गांवों के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। ग्रामीणों ने बताया कि इस पीपापुल का निर्माण काफी साल पहले तत्कालीन लोनिवि मंत्री द्वारा क्षेत्र की जनता की समस्याओं और उनकी मांग को देखते हुए किया गया था। लेकिन इसका लाभ विभागीय उदासीनता के कारण लोगों को पूरी तरह से नहीं मिल पाता है।
4 महीनें बाद 15 अक्टूबर को दोबारा होगा चालू
मालवाहक जलपोतों के आवागमन के कारण अप्रोच खराब होने पर इसे कभी-कभी खोल दिया जाता है। जिसे फिर से जोड़ने में कई हफ्तों का समय लगता है। लोगों ने कहा कि अधिकारी और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका स्थायी समाधान निकालने पर लोगों को समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। इस संबंध में, लोनिवि खंड तृतीय के अवर अभियंता महेन्द्र मौर्य ने बताया कि हर साल मानसून को देखते हुए 15 जून को पीपापुल खोल दिया जाता है और चार महीने बाद, 15 अक्टूबर को फिर से चालू किया जाता है।