गर्मी के मौसम में लोगों की प्यास बुझाने का एक प्रमुख साधन मिट्टी के घड़े, सुराहियां और मटके हैं। यह रंग-बिरंगे बर्तन आज भी महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं। गरीब लोग इन्हें देशी फ्रीज के नाम से पहचानते हैं, क्योंकि बिजली की समस्या के कारण इन घड़ों और मटकों का उपयोग करके साधन संपन्न लोग भी अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
इसलिए, गर्मियों में इनकी मांग बढ़ गई है और दुकानदारों को उत्साहित देखा जा रहा है जो मिट्टी के बर्तनों का व्यापार कर रहे हैं। मिट्टी के बर्तन विक्रेता नाटे कुमार और प्रदीप ने बताया है कि कुछ दिनों से भीषण गर्मी के कारण इन घड़ों की बिक्री में वृद्धि हुई है। लोग ठंडा पानी पीने की इच्छा में इनको खरीद रहे हैं।
विष्णु कुमार ने बताया कि वह बाजार में घड़ा खरीदने गए हैं ताकि गर्मी में प्राकृतिक ठंडा पानी प्राप्त कर सकें। बिजली की समस्या के कारण फ्रीज अनुपयोगी हो रहे हैं। मानव सभ्यता की शुरुआत से ही मिट्टी के बर्तन हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करते आए हैं। यह बर्तनों का प्रयोग अब कम हो रहा है, लेकिन ठंडा पानी बनाने और रखने के लिए मिट्टी के घड़े, सुराहियां और मटके आज भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
साधन संपन्न लोग भी मटके ले रहे हैं
गरीब तबके के लिए गर्मी में इनका महत्व किसी भी रेफ्रिजरेटर से कम नहीं है। इन मिट्टी के बर्तनों को खरीदने से साधन संपन्न लोग भी अपनी जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं, क्योंकि बिजली की समस्या के कारण गर्मियों में फ्रीज का विकल्प यहां सफल साबित हो रहा है। इन घड़ों और मटकों की कीमत सस्ती होती है और ये सभी आय वर्ग के लोगों के बीच पसंद किए जाते हैं, क्योंकि ये ठंडे पानी की इच्छा पूरी करने में मदद करते हैं। गर्मियों के मौसम में लोग इन्हें हमेशा हाथों में रखना पसंद करते हैं ताकि वे ठंडे पानी का आनंद ले सकें।
गर्मियों में लोगों का सहारा
गर्मी आते ही इन मिट्टी के बर्तनों की बिक्री में बहुत वृद्धि होती है और ये बर्तनों का कारोबार करने वाले दुकानदार उत्साहित दिखाई देते हैं। मिट्टी के ये घड़े, मटके और सुराहियां लोगों की जरूरत बनी हुई हैं। खासकर गर्मियों में ठंडे पानी की इच्छा रखने वाले लोगों के बीच इनकी बड़ी मांग दिखती है। ये मिट्टी के बर्तन उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं जिनकी रोज़मर्रा की जरूरतें इनके माध्यम से पूरी हो रही हैं। यद्यपि समय के साथ इन बर्तनों का उपयोग कम हो रहा है, लेकिन वे लोग जो ठंडे पानी का आनंद लेने के लिए इन्हें चुनते हैं, उनके लिए ये मिट्टी के बर्तन आज भी जीने का सहारा बने हुए हैं। इसलिए, समय के बदलने के बावजूद इनके महत्व को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।