गाजीपुर में जमानियां तहसील के बरूइन गांव स्थित सीएचसी में डीएम के निर्देश के डेढ़ साल बाद भी आक्सीजन जनरेटर प्लांट (पीएसए यूनिट) के जले हुए स्टार्टर एवं केबल की मरम्मत विभागीय लापरवाही के चलते नहीं हो सकी। जिसके चलते आक्सीजन का उत्पादन न होने से यह प्लांट शोपीस बनकर रहा गया है। गम्भीर रोगों से ग्रस्त यहां आने वाले मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है, जहां संचालक उनका जमकर आर्थिक शोषण कर रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो वर्ष पूर्व कोरोना की चपेट में आने से मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। हर तरफ ऑक्सीजन सिलेंडर का अभाव था। जिसका फायदा निजी अस्पताल संचालक मरीजों से दो से तीन गुना अधिक आक्सीजन का चार्ज लेते थे। जिसे देखते हुए सरकार ने तीस बेड के इस सीएचसी में 2021 में 60 लाख की लागत से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराई थी, जिसका शुभारंभ तीन जनवरी 2022 को तत्कालीन जमानियां विधायक सुनिता सिंह ने किया था।
जय पांडेय, सुरेन्द्र, संतोष, शिवजी, रामदुलार आदि मरीजों एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इसके शुरू होने के एक महीने बाद ही इस प्लांट का स्टार्टर व केबल जल गया, जिसके बाद से आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। ग्रामीणों ने बताया कि हर बेड तक पाइपलाइन तो लगाई जा चुकी है। लेकिन आक्सीजन का उत्पादन न होने से मरीजों को चिकित्सक निजी अस्पतालों की तरफ रेफर कर देते हैं।
लोगों ने बताया कि करीब ढाई लाख की आबादी वाले इस इलाके में दर्जनों गांव हैं। जहां से प्रतिदिन सैकड़ों मरीज यहां आते हैं। बताया कि महकमे के पास वर्तमान समय में 20 ऑक्सीजन सिलेंडर है। जो कि नाकाफी है। कहा कि अगर महामारी पूर्व की तरह विकराल तरीके से फैल जाए तो ऑक्सीजन के अभाव में सैकड़ों मरीजों की जान जा सकती है। चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरके सिंह ने बताया कि जले स्टार्टर व केबिल को बदलने के लिए महकमे को पत्र प्रेषित किया गया है। जल्द ही मरम्मत करा दिया जायेगा।