सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सप्तम की अदालत ने सोमवार को बिरनो गांव में साढ़े चार वर्ष पूर्व हुए दहेज हत्या के मामले में पति और सास को दस वर्ष की सजा सुनाई है।
साथ ही 12-12 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अभियोजन के अनुसार, आजमगढ़ जिले के थाना तरवा क्षेत्र के जमुआ गांव निवासी कैलाश गोड़ ने तहरीर दी कि उसने अपनी पुत्री नीतू गोड़ की शादी तीन वर्ष पूर्व 26 अप्रैल 2016 में छट्ठू गोड़ उर्फ सुमित पुत्र जयचंद गोड़ निवासी बिरनो के साथ की थी। कुछ दिन के बाद पुत्री को ससुराल के लोग प्रताड़ित करने लगे।
पुत्री ने घर पर आकर बताया कि उसकी सास पुत्र को विदेश जाने के लिए एक लाख की मांग करती थी। यही बात लड़के के चाचा चाची भी कह कर प्रताड़ित करते थे। रुपया ना लाने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी। पांच अक्टूबर 2018 को रात 10 बजे अभियुक्त छट्ठू गोड़ और उसकी माता पान मुनि, चाचा प्रेमचंद और चाची ने पैसे की मांग को लेकर पुत्री से झगड़ा किया।
छह अक्टूबर 2018 की सुबह नौ बजे उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को फंदे पर लटका दिया। तहरीर पर पुलिस ने दहेज हत्या का मामला दर्ज किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर राय ने आठ गवाह पेश किए। गवाहों ने घटना का समर्थन किया। अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद अदालत ने पति और सास को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाई है।