गाजीपुर जिले के रामपुर गांव में गंगा नदी पर स्थित पीपा पुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच का निर्माण पूरा होने के बाद छह दिन बाद वाहनों के लिए खोल दिया गया। जिसके बाद इसे पैदल दोपहिया, चार पहिया वाहन पांच दिन बाद फर्राटा भरते गंतव्य की ओर रवाना हो रहे है। इसके चलते ग्रामीणों एवं राहगीरों सहित वाहन चालकों ने सुकून महसूस किया है।
ग्रामीणों ने बताया कि एप्रोच का निर्माण पूरा हो गया। पीपा पुल के चालू होने से अब रेवतीपुर व मुहम्दाबाद की दूरी काफी कम हो गई है। अब उन्हें मिनटों में मात्र कुछ ही किमी की दूरी तय कर अपने गंतव्य तक आवागमन में काफी सहूलियत महसूस कर रहे है। उससे उनका समय भी काफी बच रहा है। लोगों ने बताया कि शादी विवाह का मौसम होने से अब चार पहिया बारातियों व अन्य लोगों को भी इस पुल से आवागमन में काफी सहुलियत होगी।
ग्रामीणों के मुताबिक बीते 9 मई की देर रात्रि को गंगा के तेज बहाव के कारण एप्रोच क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके चलते दो पहिया वाहनों सहित पैदल राहगीरों का भी आवागमन इस पीपापुल से बंद हो गया था। राहगीरों एवं ग्रामीणों ने मांग किया कि इस एप्रोच का निर्माण मजबूत तरीके से किया जाए। ताकि शासन के धनराशि की बर्बादी न हो।
एप्रोच के आए दिन क्षतिग्रस्त होने से रोका जा सके। जब से इस पीपापुल का निर्माण हुआ है। एक महीने कभी भी नियमित तरीके से इसका संचालन नहीं हो सका है। राहगीरों व अन्य ने मांग किया कि इस पुल के दोनों तरफ सुरक्षा की दृष्टिगत रेलिंग लगाई जाए। साथ ही जर्जर लकड़ी के स्लीपरों की जगह मजबूत व नए स्लीपर लगाए जाए। ताकि किसी तरह के सम्भावित हादसे से बचा जा सके। लोनिवि खंड तृतीय के अवर अभियंता महेन्द्र मौर्य ने बताया कि एप्रोच का मरम्मत होने के बाद पीपा पुल को दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए खोल दिया गया है।