गाजीपुर के शारदा सहायक नहर खंड के लालगंज रजवाहा के किनारे के किसानों की मुख्य फसल धान है। नहर के किनारे की मिट्टी भी धान की खेती के लिए काफी मुफीद है। लेकिन नहर में जरूरत के समय पानी की आपूर्ति नहीं होने से पानी के अभाव में धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। किसानों को धान की खेती करने में समस्या आ रही है। बरेहता, खिदिरपुर, मलौरा, कुआंटी, कबुलहा, बरहपार भोजूराय, नाथूपुर, मंगारी, दलीपरायपट्टी, महुरसा, बिजरवां, मखदुमपुर, जगदीशपुर, गौरा आदि गांवों के किसान पूरी तैयारी के बावजूद भी पानी के आभाव में धान की नर्सरी नहीं डाल पाए हैं।
मंगारी गांव के किसान राजीव कुमार सिंह कहते हैं कि कृषि विभाग द्वारा धान की नर्सरी डालने का उपयुक्त समय 25 मई से 7 जून तक बताया गया है। लेकिन इस समय नहर में पानी नहीं है। जिससे धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। धान की नर्सरी समय से नहीं डाले जाने से उत्पादन भी प्रभावित होता है। किसान चाहने के बाद भी उन्नतिशील खेती के लिए सही समय पर नर्सरी डालने में असमर्थ हैं। इसके लिए विभाग द्वारा लागू रोस्टर प्रणाली घातक साबित हो रही है।
15 दिन पहले इस नहर में पानी छोड़ा तो गया था
उन्होंने कहा कि जब किसानों को पानी की ज्यादा जरूरत होगी तो पानी ही नहीं रहेगा। 15 दिन पहले इस नहर में पानी छोड़ा तो गया था, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंच सका और जब किसान धान की नर्सरी डालने को खेत आदि तैयार करना शुरू किए तो नहर में पानी ही नहीं है। विजरवां निवासी रविंद्र सिंह बताते हैं कि यदि समय पर नहर में पानी नहीं आया तो खरीफ की मुख्य फसल धान की उपज पर ज्यादा विपरीत असर पड़ेगा। कारण कि समय से नर्सरी ही नहीं पड़ेगी तो रोपाई भी पिछड़ जाएगी। जिसका सीधा असर धान की पैदावार पर पड़ेगा।
क्षेत्र के किसान कैलाश नाथ पान्डेय ,अरविंद सिंह, डॉक्टर कृष्ण कुमार सिंह, विवेकानंद सिंह ने कहा कि यदि जल्द ही नहर में पानी की आपूर्ति शीघ्र नहीं की गई तो किसान धरना प्रदर्शन को मजबूर होंगें। इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। संबंधित विभाग के अफसरों की मानें तो 15 जून के बाद ही नहर में पानी आने की सम्भावना है और रोस्टर प्रणाली के हिसाब से ही पानी छोड़ा जाएगा।