जमानियां में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट ताड़ीघाट मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना के निर्माण में जुटी आरवीएनएल के द्वारा उत्कृष्ट और बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे मंत्रालय व केन्द्र सरकार ने गोल्ड अवार्ड देकर सम्मानित किया है। इस अवार्ड से सम्मानित किए जाने की जानकारी होते ही आरवीएनएल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में खुशी की लहर दौड पड़ी। रेलवे के इन कर्मचारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर इस उपलब्धि का जमकर जश्न मनाया।
आरवीएनएल के सीपीएम विकास चंद्रा ने बताया कि सरकार व रेल मंत्रालय की ओर से तीन दिन पूर्व नवरतन आवार्ड भी मिल चुका है। बताया कि रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आरवीएनएल की स्थापना 24 जनवरी, 2003 को की गई थी। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण करना है। कहा कि इसका एक और उद्देश्य एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना भी है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि 2005 में निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ ही कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था। बताया कि कम समय में ही रेल मंत्रालय से कंपनी को सितंबर 2013 में मिनी रत्न का दर्जा प्राप्त हो चुका है। सीपीएम ने बताया कि कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपए है। जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है। जिसका उद्देश्य जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास कार्यों का निष्पादन करना है।
उन्होंने बताया कि आरवीएनएल के द्वारा रेलवे की परियोजना पूरी किए जाने पर संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करना भी है। सीपीएम विकास चंद्रा ने बताया कि आरवीएनएल को नवरतन का दर्जा मिलने से उसके अधिकार व परिचालन के स्वतंत्रता के साथ ही वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कि परियोजना के प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।