पंडित दीनदयाल उपाध्याय दानापुर रेलखंड के भदौरा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव है। हालांकि, इस स्टेशन पर आस पास के करीब दो दर्जन से अधिक गांव के लोग यात्रा करने के लिए आते हैं। यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से यहां दैनिक यात्रियों को बहुत परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
हजारों लोग स्टेशन से अपने गंतव्य के लिए ट्रेनों में सवार होते हैं, जबकि आसपास के 2 दर्जन से अधिक गांव के लोग सहित तहसील और ब्लॉक कर्मचारी प्रतिदिन यात्रा के लिए स्टेशन का उपयोग करते हैं। भले ही रेलवे को स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन इसके बावजूद प्लेटफार्मों पर यात्रियों के लिए शौचालय जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं।
शौचालय केवल प्लेटफार्म नंबर एक पर उपलब्ध है जबकि प्लेटफार्म नम्बर दो और तीन के लिए यह सुविधा नहीं है। स्टेशन पर विश्राम गृह भी नहीं है, जिसके कारण यात्रियों को भीड़भाड़ वाले टिकट काउंटर के पास या खुले आसमान के नीचे अपने ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। स्टेशन पर यात्रियों के लिए लगा जलकल टोटी का बेस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
पार्किंग स्थान के अभाव में, नियमित रूप से बहुत से दोपहिया वाहन चालकों को यह पता नहीं होता है कि वे अपने वाहनों को कहां पार्क करें। रेलवे स्टेशन के बाहर दोपहिया वाहनों को खड़ा करने पर उसके चोरी होने या बन्दरों के द्वारा उसके क्षतिग्रस्त होने का डर बना रहता है।
स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य अनिल गुप्ता, संदीप शर्मा, शमसाद अहमद, आदित्य मौर्या, राजीव रंजन, विकास कुशवाहा और अरुण गांधी ने बताया कि दिल्ली हावड़ा रूट पर प्रमुख रेलवे स्टेशन होने के बावजूद यात्री सुविधाओं को लेकर कई बार डीआरएम दानापुर से शिकायत की गई। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। सवारी गाड़ी को छोड़कर कोई एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का ठहराव भी नहीं है। जिससे यात्रियों को अन्य स्टेशनों पर जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है। जिससे रेल यात्रियों में आक्रोश व्याप्त है।