गाजीपुर के जमानियां में शासन के निर्देश के तीन साल बाद भी आंगनबाडी केन्द्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 505 आंगनबाडी केन्द्रों में 35 लाख की लागत से प्रेरणा पोषण वाटिका का निर्माण नहीं हो सका है। जिसके चलते शासन की ग्रामीण क्षेत्रों में नौनिहाल और गर्भवती,धात्री माताओं, युवतियों को कुपोषण मुक्त बनाने की मंशा महकमें की लापरवाही से फ्लॉप साबित हो रही है। जबकि इन पोषण वाटिकाओं के लिए चालीस से अधिक स्वयं सहायता समूह का चयन काफी पहले ही कर लिया गया था।
वाटिकाओं में मौसमी फल व सब्जी का किया जायेगा उत्पादन
मालूम हो कि इन वाटिकाओं में मौसमी फल व सब्जी का उत्पादन किया जायेगा। ताकि कुपोषण को दूर किया जा सके। इन पोषण वाटिकाओं की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जाना है।
जमानियां क्षेत्र में कुल 505 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। जिनमें से मात्र 55 खुद का भवन, 296 प्राथमिक विद्यालय, 20 पंचायत भवन, 12 माध्यमिक, जबकि 128 किराये के भवन में हैं। जहां करीब 53 हजार नौनिहाल पंजीकृत हैं। इनमें 2756 कुपोषित और 312 अति कुपोषित नौनिहाल हैं।
डीपीओ दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि इन पोषण वाटिका बनाने के लिए शासन से करीब 35 लाख की धनराशि मिल चुकी है। इसके लिए करीब 40 स्वयं सहायता समूह कि महिलाओं का चयन हो गया है। जिन्हें जल्द ही पोषण वाटिका के बारे में प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने कहा इस योजना का मुख्य मकसद वाटिका में उत्पाद होने वाले फल व सब्जियों के जरिए कुपोषण को दूर करने के साथ ही जरूरत पूरी होने के बाद बचे हुए उत्पाद को मंडियों में बेचकर स्वयं सहायता समूह की आय बढ़ाना भी मुख्य उद्देश्य है।
डीपीओ ने बताया कि इन वाटिकाओं की जैविक विधि से खेती की जाएगी। जिसमें पपीता, सोयाबीन, आम, सहजन, पालक, शलजम, टमाटर, अमरूद, बैगन, गोभी, लौकी, मिर्च, टिंडा, तुरई आदि का उत्पाद किया जाएगा। हर जगह करीब 610 वर्ग फुट में यह पोषण वाटिका स्थापित की जायेगी। एक प्रेरणा पोषण वाटिका को तैयार करने में लगभग छह हजार से सात हजार का खर्च आयेगा।