जमानियां तहसील क्षेत्र अंतर्गत परिषदीय स्कूलों में शासन के निर्देश के ढाई साल बाद भी किचेन गार्डन महकमें की लापरवाही से नहीं बनाए जा सके, जबकि इसके लिए काफी पहले ही शासन से महकमें को करीब पांच लाख की धनराशि मुहैया करा दी थी। किचेन गार्डेन की रूपरेखा और इसका निर्माण न होने से नाराज शासन ने इस बाबत महकमें से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके चलते बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
साथ ही शासन ने एक महीने का और समय दिया है कि अगर इस निर्धारित अवधि में यह अगर बनकर तैयार नहीं हुआ तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ढाई साल पहले शासन के द्वारा क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मध्यान भोजन के साथ उन्हें मौसमी हरी ताजी सब्जियां देने की योजना थी, ताकि स्वास्थ्य उनका बेहतर रहे। इसके लिए शासन ने बीते पिछले वित्तीय वर्ष में ही अमल में लाने के सख्त निर्देश दिए,साथ ही इसके लिए प्रति विद्यालय पांच हजार की धनराशि जारी कर दी थी।
मालूम हो कि इसके लिए जमानियां क्षेत्र के 50 विद्यालयों को इस पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयन किया गया था। इस योजना के सफल होने के बाद इसे क्षेत्र के सभी विद्यालयों में लागू किए जाने की योजना शासन की है। शासन व बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि किचेन गार्डेन में तैयार सब्जियां पौष्टिकता से भरपूर होंगी। इससे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने में भी मदद मिलेगी।
इन सब्जियों की होगी पैदावार किचन गार्डन में सरपुतिया, तरोई, बोड़ा, भिंडी, बैंगन व हरी मिर्च,गोभी,खीरा आदि की योजना है जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी स्कूल के शिक्षकों की होगी। महकमें के अनुसार जमानियां क्षेत्र में कुल 261 स्कूल है,इनमें 170 प्राथमिक,38 जूनियर और 53 कंम्पोजिट परिषदीय स्कूल है,जहाँ 36,420 छात्र- छात्राएं अध्यनरत हैं। बीएसए हेमंत राव ने बताया कि, जल्द ही किचेन गार्डन की योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सम्बन्धित प्रधानाध्यापकों को निर्देश दे दिए गये हैं, जो भी लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्यवाई तय है।