चिलचिलाती गर्मी की शुरुआत हो गई है। पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा रहा है। अचानक बदले मौसम के कारण अब बाजारों में (देसी फ्रिज) यानि मिट्टी के सुराही, घड़े, गगरी की डिमांड बढ़ गई है। लोग गर्मी में फ्रिज के बजाय इन मिट्टी के बर्तनों की खरीदारी कर रहे हैं। इसमें अधिकांश की संख्या पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की है।
आकर्षक मिट्टी के सुराही लोगों को कर रहा आकर्षित
गर्मी बढ़ने के साथ ही मिट्टी के सुराही बेचने वालों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है। गंगा के मिट्टी से बना यह सुराही, जिसमें पानी शीतल और मीठा होने के साथ साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है। यही कारण है कि सामान्य वर्ग के लोग आज भी मिट्टी के बने सुराही का प्रयोग गर्मी में करते हैं। ग्राहकों की डिमांड को देख कुम्हार भी मिट्टी के डिजाइनर बर्तनों को बना रहे हैं।
दुकानदारों के जताई खुशी, कहा 2 माह तक होगा खूब मुनाफा
वाराणसी के दुर्गाकुंड क्षेत्र में मिट्टी के बर्तन का दुकान लगाने वाले अमन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मिट्टी के सुराही, घड़े, गगरी की बिक्री बढ़ गई है। इसकी कीमत 50 से लेकर 300 रुपये तक रखी गई है। उन्होंने बताया कि इसको तैयार करने में 2 से 3 दिन का समय लगता है।
यहां पर रहने वाले विद्यार्थी ही सबसे ज्यादा इसको खरीद रहे हैं। सामान्य वर्ग के लोग भी इसको खरीदना पसंद करते हैं। इसमें पानी ठंडा और शीतल होता है। साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। लोग मिट्टी का बर्तन खरीद रहे हैं, हमें इसमें काफी मुनाफा भी हो रहा है।
गर्मी में विद्यार्थियों के लिए देसी फ्रिज है मिट्टी का एक गगरी
वाराणसी पढ़ाई करने के लिए आने वाले छात्र गर्मी के महीनों में ठंडे पानी के लिए इस देसी फ्रिज का प्रयोग करते हैं। ऐसे ही दुकान पर खरीदारी करते हैं। अरुण कुमार चौबे ने बताया कि गर्मी के महीनों में ठंडे पानी के लिए हम इसका प्रयोग करते हैं। इसमें पानी काफी ठंडा और मीठा होता है और इस सामान्य वर्ग के लिए याद यह फ्रिज का काम करता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में आज भी इसकी मांग काफी ज्यादा है और लगभग हर जगह पर इसका प्रयोग किया जाता है।