गाजीपुर जिले में मोबाइल फोन से लगाई गई पैसों की चपत यानि साइबर क्राइम के मामलों में पीड़ित जहां यह मान लेता है कि अब उसके पैसे वापस नहीं आएंगे। वहीं, गाजीपुर जनपद पुलिस की साइबर सेल ने साइबर अपराध के पीड़ितों के कुल 05 लाख 43 हजार 432 रुपये 92 पैसे वापस करा दिए हैं। पैसे वापस मिलने पर पीड़ितों ने खुशी का माहौल है।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि साइबर अपराध के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत आवेदकों के अवैध ट्रांजेक्शन होने की शिकायत पर साइबर सेल टीम ने मामले का अध्ययन किया टीम ने अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी/ मर्चेन्ट को त्वरित रूप से मेल पत्राचार कर एवं दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूरी की।
इसके फलस्वरूप कुल 14 ऑफलाइन / ऑनलाइन आवेदकों के प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर कार्यवाही करते हुए आवेदकों की गाढ़ी कमाई के कुल रुपये 5,43,432.92 को खातें में वापस कराया गया। अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदकों द्वारा साइबर कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
इन पीड़ितों को वापस मिली रकम
पुलिस ने सुनील कुमार के 60540 रुपये, दीपक पांडेय के 17000 रुपये, रामबदन यादव के 60000 रुपये, सिप्रा सिंह के 100000 रुपये, करन कुमार के 5000 रुपये, चन्द्र मोहन यादव के 32500 रुपये, राज गुप्ता के 11598 रुपये, प्रदीप कुमार के 45000 रुपये, सिंकम कुशवाहा के 25000 रुपये, आशीष कुमार के 15108 रुपये, आकाश यादव के 67868 रुपये, शिव कुमार के 20000 रुपये, राजेशपति के 10300 रुपये और अमरेन्द्र कुमार सिंह के 73518 रुपये खाते में वापस कराए।
ऐसे बनाए जाते है शिकार
साइबर ठग, नई-नई तरकीबों का इजाद कर लोगों को ठग रहे हैं। इनमें मुख्यतः लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउंट हैक होने व कार्ड बंद होने का हवाला आदि हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के फेक एप बनाकर भी ठग लोगों को चूना लगाने से नहीं चूकते हैं।