यूपी-बिहार को जोड़ने वाले कर्मनाशा पुल की मरम्मत का काम पांच माह बाद भी शुरू नहीं हो सका है, जबकि बजट भी जारी हो चुका है। केंद्र सरकार से निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति पत्र भी मिल चुका है। बावजूद इसके कार्य शुरू न होने को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगने लगी हैं। विभागीय अधिकारी टेंडर प्रक्रिया खुलने के बाद काम शुरू कराने की बात कह रहे हैं।
कर्मनाशा पुल के निर्माण के लिए एनएचआई के भेजे गए प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने 305.46 लाख स्वीकृत कर दिए थे। इस बजट से पुल के जर्जर हिस्से की मरम्मत, पुल के बेयरिंग, रेलिंग समेत अन्य कार्य कराए जाने हैं। बजट मिलते ही एनएचआई ने अपने स्तर पर टेंडर प्रक्रिया भी करा दी। केंद्र सरकार से स्वीकृति पत्र भी मिल गया। लेकिन टेंडर प्रक्रिया नहीं खुलने से निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है वहीं 22 नवंबर 2022 से जिलाधिकारी के आदेश पर बंद हुए भारी वाहनों को आज भी देवल कर्मनाशा पुल से होकर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बता दें कि इस पुल की खामियां जांचने के लिए सेतु निगम से विशेषज्ञ की टीम आई थी। टीम के सर्वे और बारीकीयां परखने के बाद ही पुल के बेयरिंग जाम होने व सड़क क्षतिग्रस्त होने समेत कई खामियां बताई गई थीं। इन्हें दूर करने के लिए एनएचआई ने प्रस्ताव तैयार कर बजट की मांग की थी। बजट मिलते ही लोगों में उम्मीद जगी थी कि जल्द ही पुल पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। जेई एनएचआई घनश्याम पांडेय ने बताया कि बजट मिल चुका है, पुल निर्माण को लेकर प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कराने के साथ काम शुरू कराया जाएगा। इसके लिए पत्राचार भी किया गया है। टेंडर खुलने के साथ ही काम शुरू करा दिया जाएगा।