गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र अंतर्गत मेदनीपुर गांव के समीप नई रेल लाइन एवं परियोजना के दायरे में आ रही पानी की टंकी और उसके पम्प हाउस को डीएम के आदेश के तीन साल बाद भी जल निगम के द्वारा ध्वस्तीकरण नहीं किया जा सका है।
उल्टे जल निगम ने ध्वस्तीकरण में होने वाले खर्च और मुआवजे को लेकर आरबीएनएल ( रेल विकास निगम मिलिटेड) को करीब 35 लाख का मुआवजे के भुगतान की नोटिस थमा दी, जिसके बाद से ही रेलवे में हडकंम्प मचा हुआ है। यही नहीं इस नये रेल एप्रोच वाडक्ट के बगल में स्थित पुरानी पानी टंकी जो अब काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। वह स्वत: धीरे-धीरे टूटने लगी है, जो ट्रेनों के संचालन शुरू होने के समय कभी भी बड़े रेल हादसे का कारण बन सकता है, बावजूद सम्बन्धित महकमा लापरवाह बना हुआ है।
मालूम हो कि वर्ष 2021 फरवरी में पानी टंकी और उसके पम्प हाउस को जारी परियोजना के दायरे हटाने का निर्णय लिया गया ताकि नये रेल रूट पर ट्रेनों का संचालन बिधा बाधा के शुरू हो सके। इसको लेकर तत्कालीन डीएम के बालाजी ने रेलवे अनुरोध पत्र पर सम्बन्धित विभाग को जल्द पानी टंकी को हटाने का आदेश दिया। बावजूद जलनिगम आदेश को ताक पर रखे हुए हं, जिसके कारण ट्रेनों के सुरक्षित संचालन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
डीजल और इलेक्ट्रिक ट्रायल हो चुका
मालूम हो कि इस महत्वपूर्ण पहले चरण की 9.600 किमी लम्बे बारह सौ करोड़ की लागत वाला नया रूट लगभग तैयार हो चुका है, जिसका डीजल व इलेक्ट्रिक लोको ट्रायल हो चुका है, जिसका सीआरएस अगले महीने निश्चित है। इसके बाद यह नया रूट ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार हो जायेगा। इस सम्बन्ध में आरबीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा ने बताया कि जलनिगम को पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि ट्रेनों के संचालन से पहले इसका निस्तारण हो जायेगा।