सैदपुर में आगामी ईद त्यौहार और अलविदा की नमाज को लेकर गुरुवार को शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु सहित क्षेत्र के विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु और गणमान्य लोग शामिल हुए।
इस दौरान पुलिस के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्ण ढंग से त्योहार मनाने को लेकर, विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें सभी ने हर हाल में आपसी भाईचारा बनाए रखने के साथ-साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में त्यौहार मनाने में सहयोग का वादा किया।
ईद में आपसी भाईचारे का त्यौहार
शांति समिति में पहुंचे क्षेत्रवासियों को संबोधित करते हुए थानाध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा कि ईद में आपसी भाईचारे का त्यौहार है। इस दिन सभी गिले शिकवे भुलाकर, गले मिलते हुए त्योहार मनाने की परंपरा रही है। अपील किया कि सभी लोग ऐसे ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस बार भी ईद का त्यौहार मनाते हुए समाज को आपसी एकता और भाईचारे का परिचय दें। अगर कहीं छोटी मोटी बात नजर आए, तो स्थिति को संभालने के लिए खुद पहल करें।
सफाई की रहेगी विशेष व्यवस्था
इसके साथ ही बैठक में मौजूद क्षेत्रीय पशुपालकों को भी अपने अपने पालतू जानवरों को अपने बाड़े में रखने की हिदायत दी गई। सुरेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि अगर पशुपालकों के जानवर सड़क पर घूमते हुए दिखाई दिए, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मामले में सैदपुर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि नगर पंचायत के सफाई कर्मियों के साथ बैठक की गई है। जिसमें उन्हें आगामी अलविदा की नमाज और ईद के त्यौहार के मद्देनजर नगर की साफ-सफाई की रूपरेखा तैयार कर बता दी गई है। कुछ स्थानों पर पेयजल की भी व्यवस्था की जाएगी। अलविदा और ईद की नमाज के मद्देनजर ईदगाह और मस्जिदों के आसपास विशेष सफाई की व्यवस्था की गई है।
इस बार जुम्मे का रमजान है खास
शकील अहमद ने बताया कि कई वर्षों में ऐसा एक बार होता है। जब पूरे रमजान के दौरान 5 जुम्मा पड़ता है। इस बार रमजान की शुरुआत बीते 24 मार्च को जुम्मे के दिन से हुई है। अब माना जा रहा है कि इस बार चांद के मुताबिक ईद 29 रोजे के साथ शनिवार को पड़ सकती है। शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी। जिसे लेकर इस बार रमजान में कुल 5 जुम्मे होते हैं। लेकिन कभी-कभी ईद तीस रोजे के साथ भी होती है। जिसके कारण यह भी हो सकता है कि ईद रविवार को मनाया जाए।