गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र में नगसर नेवाजू राय गांव में मंगलवार को सेना के शहीद हवलदार आलम शेर खान का तिरंगे से लिपट कर पार्थिव शरीर दोपहर पैतृक आवास पहुंचा। शहीद जवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए गांव के ही एक परिषदीय विद्यालय में रखा गया था।
इस दौरान वाराणसी 39 जीटीसी से आए लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित पंत ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही आए दर्जनों सेना के जवानों ने गार्ड आफ ऑनर देकर शहीद जवान को आखिरी सलामी दी।
इसके बाद विभिन्न राजनीतिक दलों, पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों सहित परिजनों व ग्रामीणों ने भी अपने लाल को अंतिम विदाई दी। इसके बाद गांव के ही कब्रिस्तान में जवान को पूरे सैनिक सम्मान के साथ सुपुर्द ख़ाक किया गया। इस दौरान सबकी आखें नम हो गई।
पांच दिन पूर्व सिक्किम बार्डर पर तैनात आलम शेर खान का ड्यूटी के दौरान अचानक सीने में दर्द होते ही वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े थे। जिसके बाद उसे सेना के कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज के दौरान निधन हो गया था।
परिजनों के मुताबिक जवान सेना के राजपूताना राइफल्स बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे। मृत जवान की शादी बारा गांव के हाजी मोहम्मद इकबाल खान की पुत्री से हुआ था। पत्नी अख्तरी खातून, मां सलमा का रो- रोकर बुरा हाल था।
परिजनों ने बताया कि आलम शेर खान सेना में 2002 में भर्ती हुए थे। बताया कि जवान के दो पुत्र सहजेब व शाकिब व एक पुत्री सिमरन है। जो प्रयागराज में मां के साथ रहकर पढ़ाई करते है।
एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया, सीओ विधि भूषण मौर्या, इंस्पेक्टर दिग्विजय नाथ तिवारी, उपनिरीक्षक राजेश गिरी, पूर्व प्रमुख मुकेश राय, पूर्व प्रमुख अजय यादव, सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, विधायक प्रतिनिधि मन्नू सिंह व अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर रेवतीपुर थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी, नगसर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, सुहवल थानाध्यक्ष बागीश बिक्रम सिंह, विवेक राय आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।