भांवरकोल थाना में 14 अक्टूबर 2022 को शबनम बानो ने अपनी बेटी से साथ दुष्कर्म होने का मामला दर्ज कराया था।इस मामले में अभियोजन की तरह से उचित तरीके से केस की पैरवी के परिणाम स्वरूप कोर्ट ने अभियुक्त सकील को दोषी मानते हुई 20 वर्ष का कारावास और 40 हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दंडित किया है।
इस केस में दोषी को लेकर हुए सजा पर, भांवरकोल थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि उनके थाना में पखनपुर की रहने वाली शबनम बनो की लिखित शिकायती पत्र के आधार पर आईपीसी की धारा 376(3),506 भादवि और 3/4 पोक्सो एक्ट से संबंधित सकील नाम के व्यक्ति के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया था।शबनम ने आरोप लगाया था कि सकील ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है।
थानाध्यक्ष राय ने यह भी बताया कि मामले की न्यायालय में पैरवी कर सजा दिलाने को लेकर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें निर्देशित किया था। जिसके क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी मुहम्मदाबाद के मार्गदर्शन में अभियोग में साक्ष्य संकलन और प्रदर्शों का समयबद्ध परीक्षण कराकर परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त किया गया।
20 वर्ष का कारावास और 40,000 रुपये के अर्थ दंड
न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर अभियोग के और थाना स्थानीय के टाप- 10 सूची में नामित अभियुक्त सकील को न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम की कोर्ट से पोक्सो एक्ट के तहत सजा मिली है।आरोपी को 142 दिनो में ही सजा दिलाकर पीड़िता को न्याय दिलाया गया है। वहीं अभियुक्त सकील को 20 वर्ष का कारावास और 40,000 रुपये के अर्थ दंड से कोर्ट ने दण्डित किया गया।यह फैसला शुक्रवार को कोर्ट में सुनाया गया।