सेवराई तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा पर उस वक्त हंगामा हो गया जब आशाओं के द्वारा विभिन्न मांगों के तहत प्रस्तावित धरना प्रदर्शन के बीच आशा संगठन दो गुटों में बट गया। दोनों गुटों के बीच कहासुनी के बाद धरना स्वतः ही समाप्त हो गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था वह धारा 144 नियंत्रण करने के लिए भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहे।
जानकारी अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के आशाओं के द्वारा मानदेय व प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भोजन को लेकर किये गए अनियमितता को लेकर सोमवार को धरना प्रस्तावित था। धरना को सफल बनाने के लिए कई अन्य ब्लॉकों के भी आशाएं जिला पदाधिकारियों के साथ सीएससी भदौरा पर पहुंची हुई थी। इसी दौरान आशाएं दो गुटों में बंट गई और उन्होंने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। आशाओं के धरना को लेकर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी।
धरना के लिए आई आशाएं पुलिस के द्वारा समझाने बुझाने के बाद बिना धरना दिए ही अपने गंतव्य को लौट गई। आशाओं के एक पक्ष का कहना है कि केंद्र प्रभारी के द्वारा मानदेय समय से नहीं दिया जाता और प्रशिक्षण के दौरान आशाओं को उचित भोजन नहीं दिया गया।
लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं- MOI
वहीं दूसरा पक्ष का कहना है सभी आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय का भुगतान हो चुका है। बावजूद इसके कुछ आशाएं खुद का वर्चस्व साबित करने के लिए बेवजह हंगामा कर रही हैं। वही इस बाबत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय आनंद ने कहा कि आशाओं के मानदेय का भुगतान करा दिया गया है। इससे पूर्व में भी बात विचार कर आपसी सामंजस्य बना दिया गया था। लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।