गाजीपुर जिले में गुरुवार को धूमधाम के साथ हनुमान जयंती मनाई जा रही है। जगह-जगह जुलूस निकाले गए। इस मौके पर हनुमान भक्तों की रैली देखते ही बनी। भक्तों का हनुमान जयंती पर उत्साह काफी अलग होता है।
पुजारी रामेश्वर ने बताया कि राम भक्त हनुमान के जन्म को लेकर दो तरह की धार्मिक मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार, हनुमानजी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसके अलावा कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक महीने में हनुमान जयंती के रूप में। आज हनुमान जन्मोत्सव को लेकर पूरे देश में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
हनुमन जन्मोत्सव पर मंदिरों में दिखी भीड़
इसी कड़ी में गाजीपुर में श्रीराणी सती श्याम भक्त मंडल द्वारा पिछले 15 सालों की भांति हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर एक जुलूस शहर का भ्रमण करते हुए प्राचीन हनुमान मंदिर पर पहुंचा, जहां पर भक्तों के द्वारा रामचरितमानस के पाठ के साथ ही साथ सुंदरकांड पाठ का भी आयोजन किया गया। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आज हनुमान मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालु दर्शन करने को लेकर लंबी-लंबी लाइनों में अपनी बारी आने का इंतजार करते हुए दिखे।
मंदिर से है अनूठी आस्था
शक्ति और भक्ति के केन्द्र माने जाने वाले भगवान हनुमान लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं के आस्था के प्रतीक हैं। गाजीपुर के कोट मोहल्ले स्थित श्री महाबीर जी मंदिर अपनी धार्मिकता और ऐतिहासिकता के कारण श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का प्रतीक बना हुआ है।
त्रेताकाल में स्वतः जमीन से प्रगट हुई हनुमान जी की यह मूर्ति आज भी लोगों के अनुसार गतिमान है। धीरे-धीरे जमीन से उपर आ रही है, लेकिन अभी भी महावीर जी का एक पैर भूमि के अन्दर ही है। इसी धार्मिक ऐतिहासिकता की वजह से युगों-युगों से लोग यहां आते हैं। उनकी मन्नतों के पूरे होने के सिलसिले की वजह से श्रद्धा और आस्था की डोर दिन प्रतिदिन मजबूत होती ही जा रही है।