ताड़ीघाट-मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना के तहत शहर स्थित घाट पर करीब 25 करोड़ की लागत से बन रहे 600 मीटर लंबे नए स्टेशन का निर्माण कार्य 85 फीसदी पूरा हो चुका है। बाकी काम पूरा करने में कार्यदायी संस्था आरवीएनएल जुटा है। रेलवे का दावा है कि घाट स्टेशन का काम आगामी दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
यहां कुल तीन प्लेटफार्म बनकर तैयार है। साथ ही चार नई रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। ऐसे ही ट्रेनों के सुरक्षित व संरक्षित संचालन के लिए लाखों की तहत से रिले व पैनल रूम का निर्माण काफी पहले पूरा कर लिया गया है। इसी प्रकार स्टेशन तक अवागमन करने के लिए करीब 700 मीटर लंबे सीसी रोड का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इससे लोगों को स्टेशन पर आने-जाने में काफी सहूलियत होगी।
वहीं, स्टेशन परिसर में प्रकाश के लिए लाइट भी लगाई जा चुकी है। नये स्टेशन से जुड़े अधिकांश कामों को धरातल पर उतार लिया गया है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है। घाट स्टेशन के नये स्वरूप में तैयार होने के बाद यहां यात्री सुविधाओं के साथ ट्रेनों का बेहतर अवागमन हो सकेगा। मऊ, पटना, हावड़ा आदि की प्रमुख ट्रेनों को भी यहां से गुजारा जा सकेगा। जिससे उनका ठहराव होने से शहर में सिटी स्टेशन के साथ घाट स्टेशन समान यात्री सुविधा वाली स्टेशन के तौर पर लोगों की सेवा में समर्पित होगी।
1766 करोड़ की ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना
साल 1962 में गाजीपुर से लोक सभा सदस्य विश्वनाथ सिंह गहमरी के आग्रह पर संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल की विकास के लिए पटेल आयोग का गठन किया था। आयोग की तमाम सिफारिशों में जिले व पूर्वांचल के विकास के लिए ताड़ीघाट को मऊ रेल लाइन से जोड़ने की कवायद शुरू हुआ। उसी क्रम में 14 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। जिसकी लागत करीब 1766 करोड़ है। घाट स्टेशन का 85 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है, शेष भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।