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दिलदारनगर सायर माता मंदिर - एक आध्यात्मिक स्थल

हेलो दोस्तों क्या आप दिलदारनगर सायर माता मंदिर/Dildarnagar Sayar Mata Temple के बारे में जानना चाहते है तो आप बिलकुल ठीक जगह आये है आइये अब हम इस मंदिर के बारे में आप को बताते है यह मंदिर यूपी के प्रसिद्ध स्थानों में से एक है जो ग़ाज़ीपुर जिले/Ghazipur District के सेवराई तहसील/Sewrai Tehsil के दिलदार नगर/Dildar Nagar में दो रेल पटरियों के बिच है। इस स्थान पर कई धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक हैं जिनमें से सायर माता मंदिर भी एक है। यह मंदिर माता सायर को समर्पित है और स्थानीय लोग इन्हे बड़ी भक्ति से पूजते हैं।


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सयार माता मंदिर का इतिहास- History of Sayar Mata Temple

दिलदारनगर के सायर माता मंदिर का निर्माण लगभग 100 वर्ष पहले हुआ था। इस मंदिर की नींव श्री सत्यनारायण बाबा नामक एक संत ने रखी थी। इस मंदिर को बनाने की सोच उन्होंने बहुत समय पहले ही कर दी थी, लेकिन निर्माण की जगह का चयन करने में थोड़ी देर हुई। नींव के निर्माण के बाद इस मंदिर की निर्माण योजना बनाई गई थी जिसमें स्थानीय लोगों का भी पूर्ण सहयोग था। अंत में, इस मंदिर का निर्माण सफलता पूर्वक पूरा हुआ।


पुरानी घटना के अनुसार, कहा जाता है कि इस नई रेल पटरी को बिछाने के लिए जब काम करने वाले मजदूर झाड जंगल को साफ कर रहे थे तो उन्होंने एक बड़े नीम के पेड़ के नीचे एक मिट्टी की पिंडी दिखाई दी। काम करने वाले मजदूरों ने इसकी सूचना अपने अधिकारी को दी। इंजीनियर ने काम कर रहे मजदूरों की बात अनसुनी करते हुए नीम के पेड़ को काटने का आदेश दिया। 


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जब काम करने वाले मजदूरों ने पेड़ काटने के लिए कुल्हाड़ी पेड़ पर चलाई, तो पेड़ के तने से खून जैसा लाल रंग का द्रव्य निकलने लगा तभी सभी मजदूरों ने ऐसा करने से साफ साफ मना कर वह से चार दिए, तब प्लेटीनर साहब ने दूसरे मजदूरों को बुला कर के इस पेड़ को कटवा दिया। कहा जाता है कि देवी माँ के प्रकोप से पेड़ काटने वाले दूसरे सभी मजदूरों और इंजीनियर के 5 साल के पुत्र की उसी रात मौत हो गयी थी। इंजीनियर प्लेटीनर साहब के 5 साल के पुत्र का मकबरा आज भी पीडब्लूआई बंगला परिसर में मौजूद कब्र है।


माता के मंदिर का स्थान- Mother's Temple Location

सायर माता मंदिर दिलदारनगर जंक्शन/Dildarnagar Junction के पास स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री रामचंद्र जी की तालिका से कुछ दूरी पर है। सायर माता मंदिर के बारे में जानने के लिए आप लोग को दिलदारनगर स्टेशन/Dildarnagar Station पर पहुंचना होगा। सायर माता मंदिर दिलदारनगर बाजार/Dildarnagar Market बिलकुल पास में है लेकिन आप ग़ाज़ीपुर शहर से यह मंदिर लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है जो माता दुर्गा को समर्पित है। 


जब आप इस मंदिर के पास पहुंचते हैं, तो आपको संतुलित और शांत माहौल मिलता है। यहाँ पर शांति के बीच एक खुशबूदार वातावरण का आनंद होता है। आप इस मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी आ सकते हैं। यह मंदिर दिलदारनगर रेलवे जंक्शन/Dildarnagar Railway Junction के प्लेटफार्म नंबर 3 और 4 के बिच में है। 


सायर माता मंदिर में प्रवेश- Entrance to Sayar Mata Temple 

मंदिर में प्रवेश के लिए आप को मंदिर के द्वार पर बैठे पंडित जी या पुजारी जी से बात करने के बाद ही आपको मंदिर के अंदर जाने की अनुमति मिलती है। इस मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें होती हैं। यहाँ आपको मांगलिक आरती की विशेषता को देखा जा सकता है, जिसे आप निजी तौर पर भी लगा सकते हैं। सायर माता मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। यहाँ पर दुर से भी लोग माता का दर्शन के लिए आते है और कहा जाता है कि सायर माता मंदिर में लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और इसलिए इस यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर ज़मानिया/Zamania से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सायर माता की पूजा के लिए यहां हर वर्ष नवरात्रि के दौरान भी भव्य उत्सव मनाए जाते हैं।


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मंदिर की स्थापना का मकसद- The Purpose of Establishing the Temple

सयार माता मंदिर की स्थापना का मकसद धार्मिक उत्सवों को मनाना था। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों का आगम सायर माता मंदिर के बारे में अधिक जानकारी के लिए अन्य स्थानों को देखना चाहिए, जैसे कि राधाकृष्णा मंदिर, जो इसके निकट स्थित है और वहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी काफी बड़ी होती है। सायर माता मंदिर एक स्थान है जहां श्रद्धालु आते हैं और सायर माता से उनकी मनोकामनाएं पूरी करवाने के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इस स्थान की सुंदरता, शांति और सकारात्मक ऊर्जा को अनुभव करना हर श्रद्धालु की प्राथमिकता है। जहां आप आत्मिक ऊर्जा और शांति का अनुभव कर सकते हैं।


निष्कर्ष - Conclusion

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