सैदपुर नगर स्थित प्रसिद्ध बूढ़ेनाथ महादेव मंदिर के पास शनिवार को कथा वाचक सतीश महाराज के द्वारा सात दिवसीय चमत्कारी शिव महापुराण कथा का शुभारंभ किया गया। इसका शुभारंभ भव्य कलश यात्रा और भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ। जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों शिव भक्त हर-हर महादेव के जयकारों के साथ झूमते गाते शामिल हुए।
शिव महापुराण कथा प्रारंभ करने की पूर्व सैदपुर के पक्का घाट से मटके में गंगाजल भरकर नारियल चुनरी के साथ कलश यात्रा निकाली गई। जो हरि चौराहा, पश्चिम बाजार, रंग महल, नई सड़क, पुरानी सब्जी मंडी, उत्तर बाजार से पूरब बाजार होते हुए, बूढ़े नाथ महादेव मंदिर पर पहुंची। इस दौरान भगवान शिव की झांकी और कथा वाचक सतीश मिश्र भी कलश यात्रा में शामिल रहे। जिनपर पूरे रास्ते में जगह-जगह भक्तगण अपनी छतों तथा घरों से बाहर निकलकर, पूष्प वर्षा करते हुए, आशीर्वाद प्राप्त करते और यात्रा में शामिल होते रहे।
नगर में गूंजा हर हर महादेव का जयकारा
पूरी यात्रा के दौरान शिवभक्त महिलाएं हाथों में कलश लेकर चलती रहीं। पुरुष भक्त शिव भजनों की धुन पर नाचते गाते रहे। पूरी यात्रा के दौरान शिवभक्त हर हर महादेव के नारे लगाते रहे। जिसकी गूंज पूरे नगर में सुनाई देती रही। यात्रा के अंतिम पड़ाव बूढ़े नाथ महादेव मंदिर पर पहुंचने के बाद, कथा वाचक सतीश मिश्र के नेतृत्व में भक्तों ने भगवान शिव की पूजा और अर्चना किया। यहां से सभी सीधे कथा पंडाल में पहुंचे। जहां बाहर से आए कलाकारों द्वारा शिव तांडव आदि भक्तिमय कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया गया। जिसपर भाव विभोर होकर, भक्त झूमते नाचते रहे।
शिव महापुराण श्रवण से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होतीं हैं- वाचक
कथा वाचक सतीश महराज ने बताया कि यूं तो समस्त देवी देवताओं और ग्रंथों का अपना एक अलग महत्व है। लेकिन इसमें शिव महापुराण कथा का विशेष महत्व है। इस कथा के सुनने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसीलिए इसे इच्छापूर्ति शिव महापुराण भी कहा जाता है। इसके श्रवण से इस लोक के साथ साथ प्राणियों के परलोक भी सुधर जाते हैं। इससे रोग, व्याधि, दुख और दरिद्रता का नाश होता है।