कश्मीर के राजौरी स्थित अखनूर सेक्टर में बीते 29 मार्च बुधवार को सीने में गोली लगने से घायल सेना के जवान की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को जवान के पैतृक गांव सैदपुर क्षेत्र के शादियाबाद थाना अंतर्गत कुकुढ़ा गांव लाया गया।
उप जिलाधिकारी डॉ पुष्पेंद्र पटेल और ग्रामीणों सहित मृतक के परिजनों ने जवान को श्रद्धांजलि दिया। इसके बाद राजकीय सम्मान और भारत माता की जय के नारों के बीच चोचकपुर गंगा घाट पर जवान का अंतिम संस्कार किया गया।
गौरतलब है कि सैदपुर क्षेत्र के कुकुड़ा गांव निवासी राम बचन यादव (45) पुत्र स्वर्गीय बजारी यादव बीएसएफ में कार्यरत थे। वर्तमान में वह कश्मीर के राजौरी अंतर्गत अखनूर सेक्टर में सूबेदार के पद पर तैनात थे। बच्चों की पढ़ाई लिखाई के मद्देनजर रामबचन अपने 22 वर्षीय पुत्र अमन, 17 वर्षीय पुत्री शिवांगी, 14 वर्षीय पुत्री श्वेता, पत्नी प्रतिमा देवी और माता राजवंती देवी के साथ लखनऊ में रहते थे। बीते बुधवार को परिजनों को सेना से फोन पर सूचना मिली कि जवान रामबचन यादव को गोली लग गई है। जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है। इसके बाद अगले दिन खबर मिली कि राम बचन यादव की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों में मातम छा गया।
जवान के पार्थिव शरीर के साथ नहीं पहुंचा सेना का कोई जवान
बीते गुरुवार को जवान का पार्थिव शरीर पहले उसके लखनऊ स्थित आवास पर लाया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को लखनऊ से जवान के पैतृक गांव ले आया गया। गांव में जवान का पार्थिव शरीर लाए जाने के दौरान कोई भी सेना का जवान नहीं था। जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिली। बताया जा रहा है कि राम बचन यादव अगले अप्रैल माह के दौरान ही नौकरी से रिटायर होने वाले थे। डेढ़ माह पूर्व छुट्टी लेकर वह आखरी बार घर आए थे।
एसडीएम ने कहा किस परिस्थिति में हुई मौत, नहीं है जानकारी
मामले में पूछे जाने पर उप जिलाधिकारी पुष्पेंद्र पटेल ने कहा कि जवान के पार्थिव शरीर को उसके पैतृक गांव पहुंचा कर, श्रद्धांजलि दी गई। जवान की किस परिस्थिति में गोली लगने से मौत हुई, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।