सैदपुर कोतवाली परिसर में शनिवार को डीआईजी अखिलेश चौरसिया की अध्यक्षता में समाधान दिवस का आयोजन किया गया। जहां लोगों की फरियाद सुनने के साथ ही डीआईजी ने पुलिसकर्मियों की भी क्लास लगाई। इस दौरान उन्होंने पुलिसिंग के सभी पैमानों का बारीकी से निरीक्षण किया और मातहतों को कड़े निर्देश दिए। समाधान दिवस में कुल 10 प्रार्थना पत्र आए जिसमें से मौके पर 6 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया।
जैसे ही डीआईजी सैदपुर कोतवाली पहुंचे पुलिसकर्मी सावधान की मुद्रा में आ गए। आनन-फानन में गुपचुप तरीके से फरियादियों को निर्देश दिया गया कि वह डीआईजी के सामने किसी की शिकायत करने के बजाय, सीधे अपनी समस्या को रखें। कुछ देर तक फरियादियों की समस्या और निस्तारण का कार्य देखने के बाद, डीआईजी ने स्थानीय पुलिस कर्मियों की क्लास लगा दी। जिसमें उन्होंने प्रार्थना पत्रों के निस्तारण का रजिस्टर, आगंतुक रजिस्टर, सक्रिय अपराधियों का रजिस्टर, थाने के गुंडा और गैंगस्टरों की जानकारी आदि से जुड़े अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया।
डीआईजी ने कहा समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हो प्रार्थना पत्रों का निस्तारण
डीआईजी ने कोतवाली का निरीक्षण भी किया। बैरक आदि की स्थिति देखने के साथ ही मेस, कार्यालय, सीसीटीएनएस कक्ष, महिला हेल्प डेस्क आदि देखा। कोतवाल एसपी वर्मा को निर्देश दिया कि कस्बे में शाम के वक़्त गश्त बढ़ाई जाए। पुलिसकर्मी पैदल गश्त करें और अपराध पर नियंत्रण करें। थाने के उपनिरीक्षकों को निर्देश दिया कि वो ज्यातर समय अपने क्षेत्र में बने रहे। ताकि वह अपने क्षेत्र में हो रही घटनाओं पर बारीकी से नजर रख पाएं। कहा लोगों की शिकायत का निस्तारण पारदर्शी और समयबद्ध होना चाहिए। इसके बाद डीआईजी रवाना हो गए। इस मौके पर एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, तहसीलदार नीलम उपाध्याय, ईओ आशुतोष त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।