सैदपुर नगर के बुढ़ेनाथ महादेव गंगा घाट पर जल परिवहन के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, लगभग 50 लाख रुपए मूल्य की लागत से तैयार फ्लोटिंग जेट्टी (अस्थाई बोट स्टेशन), शनिवार की शाम को पहुंची। जिसे मां गंगा सेवा संघ के कार्यकर्ताओं की मदद से उसके तय स्थान पर घंटों की मशक्कत के बाद सेट किया गया।
जेटी के खतरनाक किनारे पर बनाई गई अस्थाई रेलिंग
घाट पर जेटी लगने की सूचना जैसे ही आसपास के लोगों को लगी, उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग बूढ़े नाथ महादेव घाट पर पहुंचने लगे। जिसे देखते हुए देर शाम को गंगा नदी के गहराई वाले भाग की तरफ फ्लोटिंग जेटी के बिना रेलिंग वाले भाग पर, रस्सी और बांस के सहारे घाट की व्यवस्था में सहयोगी मां गंगा सेवा संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा एक अस्थाई रेलिंग बनाया गया। ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
5 माह पूर्व हुआ था जेटी के लिए अनुकूल घाट का चयन
गौरतलब है कि सैदपुर नगर क्षेत्र स्थित गंगा नदी और उसके उस पार के रेतीले भूभाग को सरकार पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना चाहती है। इसी के क्रम में आज से लगभग 5 महीने पूर्व बीते 16 जुलाई को जल परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ एडीएम, तहसीलदार और नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने नगर के पक्का घाट व बुढ़ेनाथ महादेव घाट का स्थलीय निरीक्षण किया था। जिसमें बूढ़े नाथ महादेव घाट को जेटी निर्माण के लिए सबसे अनुकूल पाया गया था। जिसके बाद अधिकारियों ने सैदपुर के बूढ़े नाथ महादेव घाट पर फ्लोटिंग जेटी लगाने का निर्णय लिया था।
जेटी और उसकी उपयोगिता
जेटी यानि फ्लोटिंग बोट स्टेशस्टेश T आकार का एक फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म होता है। जहां सुविधा जनक ढंग से नौकाओं को खड़ा किया जाता है। इसके माध्यम से नौकाओं से सामान और यात्रियों को आसानी से उतारा और चढ़ाया जा सकता है। इसके अंदर खड़ी नौकाओं पर नदी के बहाव और लहरों का असर बेहद कम पड़ता है। यह अस्थाई होता है, जो नदी में बाढ़ के दौरान ऊपर नीचे होते हुए, किनारे से सटा रहता है। जेटी नौकाओं के सुरक्षित परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिसके माध्यम से नौकाओं पर चढ़ना तथा उतरना बेहद सुविधाजनक और आरामदायक होता है।
फ्लोटिंग जेटी से सैदपुर नगर को मिलेंगे ये फायदे
माना जा रहा है कि नगर के बूढ़े नाथ महादेव घाट पर फ्लोटिंग जेटी लग जाने से यह घाट पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने लगेगा। इससे यहां नौकायन के रूप में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। घाट तक लोगों की आवाजाही बढ़ने से नगर के कमजोर होते जा रहे पुराने बाजारों को भी नई ऊर्जा मिलेगी।
घाट के सामने नदी पार गंगा की रेती का विशाल मैदान है। जिसके कारण यहां लोगों को समुद्र के किनारे, बीच जैसा आनंद प्राप्त होता है। जेटी लग जाने से अब यह स्थान पर्यटन के रूप में विकसित होने लगेगा। जिससे यहां रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे चंदौली जनपद के तटीय लोगों को भी लाभ मिलेगा। जीविकोपार्जन के लिए सिर्फ मछली के शिकार पर निर्भर निषाद समाज के लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है।