ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए अधिकृत की गई जमीनों का मुआवजा कम दिए जाने को लेकर किसान काफी दिनों से आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। आज किसानों के बीच पहुंची सदर एसडीएम प्रतिभा मिश्रा, सदर तहसीलदार अभिषेक कुमार, नायब तहसीलदार राहुल सिंह पहुंचे।
मौजूद किसानों ने एक स्वर मे कहा कि सरकार द्वारा जो घोषणाएं होती है उसको अमल में नहीं लाया जा रहा है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस गाजीपुर के शेखपुर से माझी घाट तक बनना है। उसका मुआयजा सरकार द्वारा 2015 के सर्किल रेट पर देना चाहती है जबकि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के हिसाब से हर साल 20 फीसदी की बढ़ोतरी करके मुआवजा देना चाहिए।
सर्किल रेट को लेकर उठाए सवाल
किसानों के बीच घंटों चले बातचीत के बाद भी कोई निष्कर्ष निकलकर सामने नहीं आया। किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। एक किसान वीरेंद्र राजभर ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सर्किल रेट ज्यादा और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर सर्किल रेट कम क्यों? हम किसानों की जमीन को ओने पौने दामों में क्यों सरकार लेना चाहती है। जब तक हमारी जमीन का उचित मूल्य नहीं मिलेगा हम लोग अपनी जमीन नहीं देंगे।
किसान बाेले- दान नहीं दे रहे जमीन
किसान नेता महेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार अपने अधिकारियों कर्मचारियों को किसानों के बीच भेज रही है कि किसी भी तरीके से किसान को समझाया जा सके और एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सके लेकिन किसान अपनी जमीन दान में क्यों देगा, किसान को उचित मूल्य या फिर जमीन के बदले जमीन दे सरकार। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे में किसी भी किसान की जमीन सरकार द्वारा जबरदस्ती रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकती। इसके लिए किसी भी हद तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
इस मौके पर सदर एसडीएम प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि कुछ किसानों ने जमीन अधिग्रहण के लिए तैयार हैं वही कुछ किसान अभी उहापोह की स्थिति में है, लेकिन जमीन की जो सर्किल रेट तय किया गया है वही मिलेगा। इस मौके पर किसान लालजी यादव, रामरतन यादव ,नंदू राजभर ,वीरेंद्र राजभर, रामलाल राजभर, शिव मूरत, जय मूरत सहित क्षेत्रीय लेखपाल विजय बहादुर और दर्जनभर गांवों के किसान मौजूद रहे।