कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज गाजीपुर से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कुछ स्थानों पर कोहरा रहने की संभावना है, जबकि बारिस की सम्भावना नहीं है। मौसम विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा ने बताया कि अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड व न्यूनतम तापमान 07 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है। पश्चमी हवा औसत 05 से 06 किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि किसानों को विभिन्न प्रकार की मौसमी आपदाओं का सामना करना पड़ता है, कोहरा भी उनमें से एक है। नमी अधिक रहने के कारण कोहरा पड़ने पर किसान को पानी की कम जरूरत पड़ती है। कोहरा लगातार कई दिनों तक छाया रहने और हवा में ज्यादा नमीं से सरसों, सिगरी, आलू, धनिया आदि फसलों को नुकसान हो सकता है। साथ ही फल व सब्जियों की फसलें बहुत ही संवेदनशील होती है, क्योंकि इन फसलों में चेपा कीट व रतवा रोग, मटर में सफेद चूर्ण रोग, आलू में झुलसा रोग बढ़ने की संभावना हो जाती है।
कोहरा होने के कारण मधुमक्खियां फसलों पर नहीं पहुंच पाती
कोहरा होने के कारण मधुमक्खियां फसलों पर नहीं पहुंच पाती हैं, जिसके कारण सरसों, मटर, सिगरी आदि फसलों में परागण ठीक से नहीं हो पाता है। इससे फलियों में दाने कम बनते हैं। भूमि से पौधे पोषक तत्व व पानी लेकर अपनी पत्तियों या हरे भाग द्वारा निश्चित अवधि तक धूप मिलने पर हवा से कार्बन-डाइआक्साइड लेकर अपना मुख्य भोजन कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन आदि का निर्माण करते हैं। यह क्रिया प्रकाश संश्लेषण क्रिया कहलाती हैं। ज्यादा दिनों तक कोहरा पड़ने से फसलों व पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया बाधित होने लगती है, जिससे फसलों में हल्का पीलापन, कमजोर, कीट व रोग बढ़ने से उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
गेहूं की फसल को होगा फायदा
घना कोहरा छाया रहने से गेहूं की फसल को फायदा और अन्य फसलों में विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने पशुपालको को सुझाव देते हुए कहा कि ठण्ड के मौसम में दुधारू पशुओं के देख-भाल एवं पोषण का प्रबन्ध सावधानी और उचित तरीके से करना चाहिए। खाने में तिलहन अनाज की मात्रा बढ़ा दें। हरा चारा पर्याप्त मात्रा में दें।