फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में फाइलेरिया (हाथी पांव) ग्रस्त रोगियों को शुक्रवार को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) किट बांटी गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाराचवार में 31 फाइलेरिया प्रभावित को एमएमडीपी किट और आवश्यक दवाएं मुहैया करायी गईं।
साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की सफाई करने का तरीका बताया गया। सीएचसी बाराचवार में चिकित्सा अधीक्षक डॉ० रजत गुप्ता, जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार की देखरेख में फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट बांटी गई और प्रशिक्षण भी दिया गया।
साफ-सफाई के बारे में दी गई जानकारी
चिकित्सकों ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों मुख्यतः पैर या फिर प्रभावित अंगों से पानी रिसता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसकी नियमित साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी आती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने से अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ सकती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए एमएमडीपी किट और आवश्यक दवा भी दी जा रही है। इस किट में एक टब, मग, बाल्टी, तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं।
संचारी रोगों के बारे में किया गया जागरूक
इस दौरान रोगियों सहित समुदाय को फाइलेरिया, मलेरिया आदि संचारी रोगों से बचाव के बारे में जागरूक किया गया। डीएमओ मनोज कुमार ने बताया कि रोगी सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही उनके मिथक और भ्रांतियों को भी दूर कर रहे हैं।
आसपास साफ-सफाई रखने को कहा गया
सभी को समझाया जा रहा है कि फाइलेरिया से बचने के लिए हर साल चलने वाले एमडीए राउंड के दौरान दवा का सेवन अवश्य करें। इस दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। इसके अलावा घर और आस पास साफ़-सफाई रखें।