जमानियां के रेवतीपुर सीएचसी पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक के निर्देश पर जांच की गई। लखनऊ से परिवार नियोजन के प्रदेश सलाहकार अरविन्द उपाध्याय व बाल स्वास्थ्य प्रोग्राम के प्रदेश को ऑर्डिनेटर राजीव दूबे के नेतृत्व में गठित दो सदस्यीय टीम जांच व निरीक्षण के लिए सीएचसी पर आई। जांच के लिए आई टीम ने सबसे पहले चिकित्सा अधीक्षक व प्रभारी अधिकारी के कार्यालय में बारिकी से अभिलेखों व मरीजों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी की।
इसके बाद टीम सीधे परिसर स्थित प्रसव केन्द्र पहुंची, जहां व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। टीम द्वारा पूछे गये सवालों का जबाब देने में महिला स्वास्थ्य कर्मियों के पसीने छूटने लगे। जो एक भी सवाल का जबाब नहीं दे पाए। प्रसव केन्द्र में केस सीट, अंतरा रेफरल रजिस्टर, स्लीप न होने पर भड़क पड़े।
परिसर में कूड़ा प्रबंधन की कोई व्यवस्था न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल परिसर में डस्टर्बिन रखने का निर्देश दिया। इस निरीक्षण के क्रम में टीम ओपीडी पहुंची जहाँ बलगम ( स्पूटम) व डेंटल जांच एक ही कक्ष में संचालित होता पाए जाने पर कार्यवाई की चेतावनी देते हुए टीम ने तत्काल दोनों जांच को अलग अलग कक्ष में शिफ्ट करने का निर्देश दिया।
इस जांच के दौरान टीम ने प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार को स्वास्थ्य केन्द्र की दशा सुधारने के निर्देश दिया, चेताया कि अगली दफा जांच में कमी पाए जाने पर सख्त विभागीय कार्यवाई की चेतावनी दी। इस संम्बध में परिवार नियोजन के प्रदेश सलाहकार अरविन्द उपाध्याय ने बताया कि रेवतीपुर सीएचसी की जांच की गई। बताया कि जो भी कमियां मिली हैं, उसकी पूरी रिपोर्ट मंत्रालय के निदेशक को सुपुर्द कर दी जायेगी। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल, डॉ. जितेन्द्र, डाक्टर अमर, आशुतोष सिंह, आनंद, अभिषेक, सुनील, शैलजा, शैलेश राय आदि मौजूद रहे।