गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार इन दिनों गर्म है। निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को रिजर्वेशन दिए जाने के मसले पर बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने यूपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। अंसारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर यूपी सरकार की नीति और नीयत का पर्दाफाश हो गया है।
सांसद अफजाल अंसारी ने निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर जवाब देते हुए कहा कि योगी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि वह बिना आरक्षण के चुनाव कराने के हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। आरक्षण लागू करने के बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे। भले ही चुनावों को आने वाले मार्च-अप्रैल के महीनों में ही कराना पड़े।
सरकार के बोलने और व्यवहार में बहुत अंतर देखने को मिल रहा है। सरकार चाहे तो चुनाव करवा दे। ऐसा करने का उनके पास इलाहाबाद कोर्ट के फैसले का आधार भी है, लेकिन सरकार जानती है कि ऐसा कराने से सरकार को राजनीतिक रूप से नुकसान होगा। अंसारी के अनुसार, सरकार का ओबीसी वर्ग को धोखा देकर वोट लेने के मंसूबे से पर्दा हट जाएगा।
बैकवर्ड लोगों में इस बात को लेकर बहुत चिंता है। सभी दलों के अलावा ओबीसी वर्ग के लोग शैक्षणिक रूप से, आर्थिक रूप से और सामाजिक रूप से भी चिंतित हैं। हमारे देश में पहले भी राजनीतिक तौर पर आरक्षण दिए जाने को लेकर चर्चा हो चुकी है। संविधान में जो व्यवस्था है, उसके अनुरूप एक आयोग पहले भी बन चुका है।
सरकार की करनी और करनी में फर्क बताया
कहा कि मंडल आयोग एक ऐसा ही आयोग था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी के आरक्षण दिया गया था। सरकार की कथनी और करनी से पर्दा उठ चुका है। सरकार की ओर से समाज के अपर क्लास के लोगों को यह बताया जाता है कि सरकार आरक्षण विरोधी है। इस बात को लेकर लोगों में गलतफहमी भी है। अगर सरकार वाकई आरक्षण विरोधी है, तो फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का क्या तर्क बनता है। वैसे भी हाइकोर्ट ने डायरेक्शन दिया है कि बिना आरक्षण चुनाव कराया जाए।