गाजीपुर के रेवतीपुर सीएचसी पर गुरुवार को राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मुलन अभियान के तहत एमएमडीपी कार्यक्रम के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जागरूकता किया गया। इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर मनोज कुमार ने 40 मरीजों में नि:शुल्क किट वितरित किया। किट में एक बाल्टी, टब, मग, तौलिया, साबुन और एंटी फंगल क्रीम शामिल था।
डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष संचालित हुए ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आइडीए) व मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के दौरान मरीज को चिह्नित किया गया था। इस दौरान उन्होंने फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को अंगों, पैरों व हाथों का उचित ढंग से रख-रखाव व सफाई करने एवं एक्सरसाइज का तरीका बताया गया था।
डॉक्टर बोले- वेक्टर जनित बीमारियों में से एक है फाइलेरिया
डॉक्टर ने बताया कि वेक्टर जनित बीमारियों में एक बीमारी फाइलेरिया भी है। इसमें सूजन पैदा करने वाली कृमि बीमारी होती है, जो मादा मच्छर क्यूलएक्स के काटने से एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है। कहा कि भारत की आधी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है, जहां फाइलेरिया के होने व फैलने की पूरी संभावना बनी रहती है।
डॉक्टर ने बताया कि फाइलेरिया होने पर मरीज को ठंड देकर बुखार आना, हाथ व पैर में सूजन का होना, कमजोरी आना, भूख न लगना, चक्कर आना कभी-कभी पुरुषों के अंडकोष में सूजन आ जाती है। बताया कि इसका सर्जरी द्वारा इलाज हो जाता है। गंभीर स्थिति होने पर विकलांगता भी हो सकती है। फाइलेरिया के लक्षण मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत जांच कराएं।
कार्यक्रम में शामिल पदाधिकारी
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक व प्रभारी अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार, बीसीपीएम सुनील कुमार, बीपीएम बबीता सिंह, स्वास्थ्य परिवेक्षक मुक्तेश नारायण राय, बेचू राय, सुनील पांडेय, राज उपाध्याय, आशुतोष सिंह, अभिषेक उपाध्याय आदि मौजूद रहे।