आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला आयोजित हो रहा है। लेकिन यह महज औपचारिकता बनकर रह गया है। हालत यह है कि पीएचसी पर जांच सुविधा एवं दवाओं के अभाव में मरीज बिना उपचार कराए ही लौट रहे हैं।
जिसको लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारा पर सन्नाटा पसरा रहा। लोगो ने आरोप लगाया कि अस्पताल पर कुछ सामान्य बीमारियों की दवाएं ही मिलती है। शेष के लिए हमे निजी चिकित्सालय में ही जाना पड़ता है। शासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का आयोजन किया जाता है।
लोगों की दिलचस्पी धीरे धीरे कम हो रही
मेले में एलोपैथ, होम्योपैथ एवं आयुर्वेद के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरफ से मरीजों की जांच और इलाज किया जाना होता है। लेकिन, बिहार राज्य की सीमा पर स्थित सीएचसी भदौरा सहित किसी भी पीएचसी पर जांच की कोई सुविधा नहीं है। जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ आम जनमानस को नहीं मिल पा रहा है। समुचित दवा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण मरीजों की इन सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने को लेकर रुचि कम होती जा रही है।
लोग निजी चिकित्सकों के पास जा रहे
चिंता की बात तो यह है कि शासन स्तर से भी सीएचसी, पीएचसी में स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि क्षेत्रीय लोगों को विवश होकर उपचार के लिए निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ रहा है। सेवराई तहसील के भदौरा ब्लॉक क्षेत्र में सीएचसी के अलावा चार पीएचसी क्रमशः बारा, गहमर, देवल, दिलदारनगर स्थित हैं।
छोटी छोटी जांचें भी नहीं हो पाती हैं
सभी केंद्रों में चिकित्सकों के अभाव के साथ खून सहित अन्य कई जरूरी जांच भी नहीं होती है। दवाओं के नाम पर सर्दी, जुकाम, बुखार आदि की दवा ही मिलती है। इस बाबत प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि संबंधित चिकित्सा अधिकारी को स्वास्थ्य केंद्र पर मूलभूत दवाओं व जांच के लिए पत्राचार किया गया है जल्द ही व्यवस्थाएं सुचारू हो जाएंगी।