वाराणसी के रणबांकुरे मैदान में 16 नवंबर से शुरू हो रही अग्निवीर भर्ती के लिए सेवराई तहसील क्षेत्र के नौजवान तैयारी में जुटे हैं। खास बात यह है कि पूर्वांचल के 12 जिलों में सबसे अधिक आवेदन गाजीपुर से ही हुआ है। यहां के युवाओं ने भले ही अग्निपथ योजना को लेकर छिटपुट विरोध जताया था, लेकिन यहां के 16986 अभ्यर्थियों ने भर्ती के लिए आवेदन किया है।
भर्ती को लेकर सैनिक बहुल्य गांव गहमर में युवाओं में उत्साह है। वह तैयारी में जुटे हैं। गहमर के मठिया और नौली के खड़वल खेल मैदान में सैनिक भर्ती के लिए दौड़, बीम, सपाट आदि की तैयारी कर रहे युवा भर्ती को लेकर खासे उत्साहित नजर आए। उनका कहना है कि यह भर्ती शारीरिक क्षमता पर आधारित है।
सुबह और शाम को खूब पसीना बहाते हैं युवा
इसी क्षमता के आधार पर भर्ती होनी है और जो काबिल होगा वह 25 फीसदी में भी जगह बनाएगा। कहाकि 75 फीसदी के लिए सरकार और निजी क्षेत्र में दरवाजे खुल रहे हैं। तैयारी में जुटे अंकुश, आदर्श, आदित्य, सौरभ, वीरभान सिंह ने बताया कि महीनों से वह तैयारी कर रहे हैं। सुबह चार बजे और शाम पांच बजे से मठिया मैदान पर पहुंच कर तैयारी शुरु कर देतें हैं।
हर घर से कोई न कोई सेना में दे रहा सेवा
इस दौरान बीम, सपाट, वजन उठाना, दौड़ आदि कसरत की जाती है। जबकि घर पर गणित और सामान्य ज्ञान की तैयारी भी जारी है। जिससे शारीरिक के साथ सामान्य ज्ञान की परीक्षा भी उत्तीर्ण करेंगे। सैन्य बाहुल्य गांव की आबादी सवा लाख के करीब है। यहां हर घर से एक- दो लोग सेना में हैं ही। कई परिवारों में तीन से चार पीढ़ी सेना में सेवा दे रही हैं।
जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के सचिव ने दी जानकारी
सिर्फ गहमर के करीब 15 हजार लोग वर्तमान में सेना में सेवारत है। करीब 10 हजार विभिन्न पदों से सेवानिवृत होकर पेंशन पा रहे हैं। इस गांव में पहले सेना भर्ती भी होती थी। लेकिन सालों से बंद है। भर्ती फिर से बहाल कराने को लेकर पूर्व सैनिक संगठन समेत अन्य लोग काफी समय से प्रयासरत हैं। जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के सचिव कर्नल अरुण सिंह ने बताया कि अग्निवीर भर्ती में लंबे टर्म में फायदा होगा। सरकार ने बहुत सोच समझकर यह भर्ती शुरू की है। सेना को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।