रेवतीपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले कई दशकों से जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते एक एक्स-रे मशीन नहीं लगाई जा सकी है। जिसके कारण यहां आने वाले मरीजों को निजी पैथोलॉजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। जहां मरीजों व उनके परिजनों का आर्थिक शोषण जमकर किया जा रहा है।
रेशमी, पवित्रा,रीता, रोहित सिंह, कृष्णा देवराज, अश्वनी कांत आदि लोगों ने बताया कि ब्लॉक में 46 पंचायतें हैं। जिनकी कुल आबादी करीब दो लाख से ऊपर है। लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य महकमे की इस उदासीनता के चलते ग्रामीणों व मरीजों को समुचित स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोगों ने मांग किया कि अगर यह सुविधा यहां उपलब्ध हो जाए तो मरीजों को काफी हद तक सहूलियत हो सकेगी। लोगों ने बताया कि यहां पर तीस शैय्या वाला अस्पताल है, लेकिन यहां पर मरीजों को सुविधाएं नाम मात्र ही मिलती हैं।
यही नहीं, इस सामुदायिक अस्पताल पर जरूरी सुविधाओं का घोर अभाव है। महकमे के अनुसार, चार पीएचसी व एक सीएचसी मिलाकर रोजाना करीब तीन सौ मरीज आते हैं। लोगों ने बताया कि इनमें से हर रोज करीब 15 मरीज एक्सीडेंटल के अलावा अन्य गम्भीर रोगों के मरीज आते हैं। लेकिन एक्स-रे मशीन न होने के अभाव में चिकित्सक या तो जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। या निजी पैथोलॉजी सेंटर पर चले जाते हैं। यहां पर उनको आर्थिक परेशानी होती है।
विभाग से स्वीकृति मिलते ही लगेगी मशीन
लोगों ने बताया कि इसको लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगाया गया, लेकिन आज तक इतने बड़े अस्पताल पर एक एक्स-रे मशीन तक महकमे ने उपलब्ध नहीं कराया। जिसका नतीजा यह है कि मरीज जांच के लिए इधर उधर भटकने को मजबूर हैं। रेवतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक व प्रभारी अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि एक्स- रे मशीन को लेकर पूर्व में महकमे की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही मशीन को लगवा दिया जाएगा।