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गाजीपुर जिले के डॉ. ओमकार को मिला युवा वैज्ञानिक-2022 पुरस्कार

गाजीपुर के कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. ओमकार सिंह को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-2022 से पुरस्कृत किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मिला, जिसका विषय “सस्टेनेबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव इन साउथ ईस्ट एशिया” था। यह सम्मेलन नेपाल के काठमांडू शहर में अयोजित हुआ, जिसमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल, सहित अन्य कई देशो के वैज्ञानिक मजूद थे।

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डॉ. ओमकार सिंह यह पुरस्कार पाने वाले उत्तर प्रदेश राज्य से इकलौते युवा वैज्ञानिक हैं। उन्हें पादप रोग विज्ञान, मशरूम उत्पादन तथा कवक विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। इससे पहले भी वह कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। वह गत आठ वर्षों से पादप रोग विज्ञान में शोध कार्य कर रहे हैं।

डॉ. ओमकार ने पुरस्कार को माता-पिता को किया समर्पित

उन्होंने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपनी मां और पिता को समर्पित किया है। इसके साथ ही उन्हें निरंतर सहयोग व समर्थन एवं प्रोत्साहन देते रहने के लिए उन्होंने अपने परिवार को भी धन्यवाद दिया है। इस बार का पुरस्कार समारोह नेपाल के काठमांडू शहर आयोजित हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल सरकार के प्लानिंग कमीशन सदस्य प्रोफेसर सुरेंद्र लाभ कर्ण एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय, चितवन, नेपाल के कुलपति प्रो. पी. पी. रेग्मी सम्मिलित रहे।

पुरस्कार समिति के अध्यक्ष ने दी बधाई

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की पुरस्कार समिति के अध्यक्ष डॉ. जे.पी सिंह तथा आयोजन सचिव डॉ. राजबीर सिंह ने समारोह के दौरान इस पुरस्कार के लिए चयन के मानदंडों को रेखांकित किया और विभिन्न देशों के सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं ओमकार सिंह

बता दें कि डॉ. ओमकार सिंह जनपद के किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। भारत सरकार द्वारा संचालित कई परियोजनाओं के इंचार्ज भी हैं। डॉ. सिंह गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि विश्वविध्यालय, पन्तनगर के छात्र रहे हैं। उन्होंने पंतनगर से स्नातक तथा पादप रोग विज्ञान से स्नात्कोतर तथा पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15 से अधिक शोध पत्र तथा 50 से अधिक आलेख तैयार कर विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं तथा किसानों के लिए बहुउपयोगी सामग्री प्रस्तुत की है। इसके अतरिक्त इन्होंने लगभग आठ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुस्तकें भी लिखी हैं। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं के सदस्य भी हैं। वे बेस्ट एक्सटेंशन साइंटिस्ट अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।

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