अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम/ एमपीएमएलए रामसुध सिंह की अदालत में 1996 के गैंगस्टर के मुकदमे में मुख्तार अंसारी एवं भीम सिंह के मामले में 25 नवंबर फैसले की तिथि नियत थी, लेकिन पीठासीन अधिकारी के स्थानांतरण के कारण फैसला नहीं हो सका। वहीं आरोपी मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग और भीम सिंह उपस्थित थे। अब फैसले के लिए दो दिसंबर की तिथि नियत की गई है।
मालूम हो कि तीन अगस्त 1991 दिन में करीब एक बजे अजय राय अपने भाई अवधेश राय के साथ अपने वाराणसी स्थित मकान के गेट पर खड़ा थे। इतने में एक सफेद रंग की मारुति वैन आई, जिसमें मुख्तार अंसारी सहित कुछ लोग मौजूद थे। वे वाहन से उतरे और ताबड़तोड़ अवधेश राय के ऊपर फायर किया। सभी के हाथ में असलहे थे। सभी लोग मारुति वैन से भागने का प्रयास किया।
अजय राय ने भी अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायर किया। इसके बाद सभी लोग गाड़ी छोड़कर भाग गए। अजय राय गंभीर रूप से घायल अवधेश राय को कबीर चौरा अस्पताल ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, इन्हीं मामलों को लेकर मुख्तार अंसारी और भीम सिंह के विरुद्ध थाना कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इस मामले का विचारण अदालत में चल रहा है।